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मुंबई: महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए शुरू की अनोखी मुहिम, सुई धागा जी से हजारों महिलाओं को मिला रोज़गार

मुंबई में सुई धागा जी मुहिम से जुड़कर हजारों महिलाओं को रोजगार मिला है. यह मुहिम महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है. कई महिलाओं ने सिलाई का काम सीख कर अपना काम शुरू किया है. जिससे उनकी आमदनी बढ़ गई है.

सुई धागा जी मुहिम सुई धागा जी मुहिम
हाइलाइट्स
  • मुफ्त में महिलाओं को दिया जाता है सिलाई का प्रशिक्षण

  • 2021 में हुई थी सुई धागा जी मुहिम की शुरुआत

देश इस साल अपनी आजादी के 75 वर्ष का जश्न मनाने जा रहा है. इन 75 वर्षों में भारत में काफी बदलाव हुए हैं. सब से बड़ा बदलाव महिलाओं के लिए हुआ है. पूरे देश में महिला सशक्तिकरण सब से महत्वपूर्ण मुद्दा है. भारतीय महिलाएं किसी से कम नहीं हैं. बदलते वक्त के साथ भारतीय महिलाओं ने अपने आप को बदला है. महिलाओं ने सामाजिक जंजीरो को तोड़ते हुए राजनीतिक, सांस्कृतिक, खेल, शिक्षा और व्यापार जैसे क्षेत्रों में अपनी अलग पहचान बनाई है. महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने का ताजा और बड़ा उदाहरण मुंबई में देखा जा रहा है. मुंबई में एक एनजीओ ने महिलाओं को और शक्तिशाली बनाने के लिए एक अनोखी मुहिम शुरू की है. मुहिम का नाम सुई धागा जी रखा गया है. इस मुहिम के जरिए मुंबई की झुग्गी-झोपड़ी और कम आय वाले परिवारों की महिलाओं को मुफ्त में सिलाई सिखाने की पहल शुरू की गई है. 

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का है उद्देश्य 

सुई धागाजी महिलाओं को कौशल प्रदान करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू गया एक मिशन है. इंडियन डेवलपमेंट फॉउंडेशन (INDIAN DEVELOPMENT FOUNDATION) के सीईओ और राष्ट्रीय समन्वयक नारायण एबी अय्यर ने कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना बेहद जरूरी है और इसलिए उन्होंने सुई धागा जी को लॉन्च करने का फैसला किया. और इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है. उन्होंने इस मिशन की शुरुआत 26 जनवरी, 2021 को मालवानी के सेंट मैथ्यूज स्कूल में की थी. 

 3 महीने का होता है कोर्स

मुंबई के माहिम इलाक़े में भी एक सेंटर शुरू किया गया है. जहां पर दिन में 2 क्लास चलाकर महिलाओं को सिलाई का काम सिखाया जाता है. इसके लिए किसी तरह का कोई शुल्क नहीं लिया जाता. इस सेंटर पर प्रति दिन 80 महिलाएं सिलाई का काम सीखने आती हैं. यह कोर्स 3 महीने का होता है. जिस को खत्म करने के बाद महिलाएं खुद अपना काम भी शुरू कर सकती हैं. बता दें कि यहां से सिलाई सीखने के बाद कई महिलाओं ने खुद का अपना काम भी शुरू किया है.