एक तरफ जहां आए दिन हम हिंदू-मुस्लिम दंगे की कहानी सुनते रहते हैं वहीं कई ऐसे किस्से भी सुनने को मिल जाते हैं जब हमें गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल देखने को मिलती है. ऐसा ही एक किस्सा है मध्यप्रदेश के अनूपपुर का. अनूपपुर जिले के कोतमा में हिंदू मुस्लिम भाई चारे की अनूठी मिशाल देखने को मिली है. कोतमा के बबलू भट्ट की मौत के बाद मुस्लिम समाज के लोगों ने हिन्दुओं के अंतिम संस्कार मे प्रयोग होने वाली क्रिया कर्म की पूरी सामग्री खरीद कर बबलू भट्ट का अंतिम संस्कार कराया.
अर्थी को दिया कंधा
मुस्लिम समाज के लोगों ने सर्वधर्म सद्भाव की मिसाल पेश की है. दरअसल कोतमा के इस्लामगंज मे निवास करने वाले हिंदू समाज के बबलू भट्ट नाम के व्यक्ति की मौत हो गई थी. बबलू की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी इसलिए मुस्लिम समाज ने आगे आकर अंतिम संस्कार के लिए पूरे सामग्री व्यवस्था की और मुस्लिम समाज के लोगों ने बबलू के शव को कंधा देकर हिन्दू मुक्तिधाम तक भी पहुंचाया. वहीं पर बबलू का अंतिम संस्कार कराया गया.
आटो चलाता था बबलू
जानकारी के अनुसार बबलू भट्ट निवासी वार्ड नंबर 9 अपनी मां के साथ रहकर ऑटो चलाता था. उसी से अपने परिवार का गुजर-बसर करता था. लंबे अरसे से बबलू बीमार चल रहा था और उसकी तबियत और ज्यादा खराब हो जाने से उसकी मौत हो गई. गरीबी होने के कारण उसके घरवालों के पास अंतिम संस्कार कराने के पैसे भी नहीं थे. ऐसे में मुस्लिम समाज के लोग आगे आए और हिंदू रीति रिवाज के साथ बबलू का अंतिम संस्कार कराया.
(रवेंद्र शुक्ला की रिपोर्ट)