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IAS Kanishak Kataria Father Retirement: इस UPSC टॉपर आईएएस ने किए अपने ही पिता के रिटायरमेंट लेटर पर साइन... पहले साथ हुआ था दोनों का प्रमोशन

साल 2019 बैच के UPSC टॉपर IAS कनिष्क कटारिया और उनके पिता, सांवरमल कटारिया अक्सर सुर्खियां बटोर रहे हैं. पहले इन पिता-पुत्र का साथ में प्रमोशन होने पर चर्चाएं थीं और अब उनके पिता की रिटायरमेंट चर्चा का विषय है, जानिए क्यों.

IAS Kanishak Kataria with his father (Photo: Instagram/Kanishak Kataria) IAS Kanishak Kataria with his father (Photo: Instagram/Kanishak Kataria)

साल 2019 बैच के UPSC टॉपर कनिष्क कटारिया के बारे में हम सब जानते हैं. कनिष्क ने बिना कोचिंग के परीक्षा टॉप की थी और इस कारण हर तरफ उनकी चर्चा थी. एक बार फिर IAS कनिष्क कटारिया चर्चा में हैं. दरअसल, आईएएस अधिकारी कनिष्क कटारिया ने राजस्थान के भरतपुर में संभागीय आयुक्त के पद से अपने पिता की सेवानिवृत्ति के बाद उनके इस्तीफे के आदेश पर हस्ताक्षर किए. 

IAS कटारिया वर्तमान में राजस्थान सरकार में संयुक्त सचिव के पद पर कार्यरत हैं. इस बीच, उनके पिता सांवरमल वर्मा इसी साल 30 सितंबर को रिटायर हो गये. रिटायरमेंट के समय उनके इस्तीफे पर उनके अपने बेटे न साइन किए. यह पर दोनों पिता-पुत्र के लिए खास था. इससे पहले, पिता-पुत्र की जोड़ी का साथ में प्रमोशन हुआ था. आपको बता दें कि किसी भी आईएएस, आईपीएस या आरएएस अधिकारी के ट्रांसफर, रिटायरमेंट सहित दूसरे सेवा संबंधी आदेश में संयुक्त सचिव ही साइन करते हैं.

छोड़ा डेटा साइंस में करियर
कनिष्क कटारिया ने 2019 में AIR 1 के साथ संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) CSE परीक्षा में टॉप किया था और आज प्रशासनिक क्षेत्र में एक प्रसिद्ध नाम हैं. दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने प्रशासनिक सेवाओं के लिए डेटा साइंस में एक करोड़ के सालाना वेतन पैकेज वाले आकर्षक करियर ऑफर को छोड़ दिया था. 

राजस्थान के मूल निवासी कटारिया ने IIT बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस में डिग्री ली है. उनके करियर में बड़ा मोड़ तब आया जब उन्हें दक्षिण कोरिया में सैमसंग के साथ काम करने का प्रस्ताव मिला. हालांकि, देश सेवा के जुनून से प्रेरित होकर कटारिया ने एक अलग रास्ता चुना. कनिष्क की प्रेरणा उनके पिता सांवरमल थे जो राज्य में एक आईएएस अधिकारी थे.

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साल 2017 में कनिष्क ने UPSC की तैयारी करना शुरू किया था. लेकिन उन्होंने किसी भी कोचिंग में दाखिला नहीं लिया. इसके बजाय, उन्होंने स्ट्रेटजी और प्लान के तहत सेल्फ-स्टडी की और साल 2019 में उन्हें सफलता भी मिली.