भारत में आलू को सब्जियों का राजा कहा जाता है क्योंकि रसोई में यह सब्जी सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली सब्जियों में से एक है. साथ ही, आलू के साथ ज्यादातर सब्जियों का कॉन्बो बनता है. हालांकि, डाइट के प्रति जागरूक लोग आलू से दूरी बनाते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया में आलू की कई किस्में होती हैं और एक किस्म तो ऐसी है जिसमें फैट न के बराबर होता है.
जी हां, Black Potato यानी कि काले आलू ऐसी किस्म के आलू है जो सामान्य आलू से ज्यादा न्यूट्रिएंट्स से भरपूर होते हैं. वैसे तो यह किस्म विदेशी है लेकिन अब भारत में भी लोग इसकी खेती करने लगे हैं. उत्तर प्रदेश में बहुत से किसान काले आलू की खेती में हाथ आजमा रहे हैं और इन्हीं में से एक 40 वर्षीय रवि प्रकाश मौर्य.
नौकरी छोड़ शुरू की खेती
प्रयागराज के रहने वाले मौर्य पिछले पांच सालों से काले आलू की खेती कर रहे हैं और दूसरे किसानों को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं. वह दूसरे राज्यों के किसानों को भी काले आलू के बारे में बता रहे हैं. साल 2016 तक मौर्य बतौर पत्रकार काम कर रहे थे. लेकिन 2016 में अने पिता के निधन के बाद वह अपने मूल गृहनगर मंसूरपुर लौट आए.
पिता के निधन के बाद उन्होंने खेती करना शुरू कर दिया. लेकिन मौर्य ने खेती में कुछ अलग करने की ठानी और आज वह Black Crops उगाते हैं जिनमें काले आलू, चावल, गेहूं, टमाटर, नाइजर बीज, हल्दी, और अदरक शामिल हैं. इन सभी फसलों में एक बात समान है - वे काली हैं. जी हां, बहुत सी फसलों की ऐसी वैरायटी हैं जिनका रंग गहरा जामूनी या काला है और ये सभी फसलें पोषण के मामले में सामान्य किस्मों से ज्यादा बेहतर हैं.
सेहत के लिए फायदेमंद है काला आलू
वैसे तो किसान इसे स्थानीय रूप से "काला आलू" कहते हैं, जबकि आलू का असली रंग गहरा बैंगनी होता है. इसे बीच से आधा काटने पर यह रंग दिखाई देता है. उत्तर प्रदेश के आलू उत्पादक क्षेत्र प्रयागराज में लगभग पचास किसान काला आलू उगा रहे हैं. अभी तक APMCs (कृषि उपज बाज़ार समितियों) में उन्हें मान्यता नहीं मिली है. विश्व स्तर पर काले आलू की खेती की जाती है, इसे कई नामों से जाना जाता है जैसे विटेलोट, एडिरोंडैक ब्लू, शेटलैंड ब्लैक, पर्पल पेरूवियन, पर्पल मेजेस्टी, ऑल ब्लू और कांगो.
मौर्य ने काले आलू की खेती इसलिए शुरू की क्योंकि यह सेहत के लिए फायदेमंद होता है. इसमें काफी अच्छी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं. इस कारण यह आलू शुगर के मरीजों के लिए फायदेमंद रहता है जबकि सामान्य आलू से उन्हें परहेज करना होता है. काले आलू में फैट नहीं होता है और इसमें विटामिन बी-6 पाई जाती है. साथी है, 40 से 50 प्रतिशत तक आयरन भी रहता है. सामान्य आलू की तरह ही आप इसे अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं. हालांकि, अगर आपको किसी तरह की कोई बीमारी है तो एक बार किसी एक्सपर्ट से कंसल्ट करक ही आप इसे खाना शुरू करें.