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Inspiring: सालों तक जब सरकार को नहीं आई सुध तो महिलाओं ने उठाया बीड़ा, अब पूरा गांव मिलकर बना रहा है सड़क

कहते हैं कि महिलाएं अगर कुछ ठान लें तो पूरे समाज की दिशा बदल देती हैं. उत्तराखंड के एक गांव में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है.

Women building road themselves Women building road themselves
हाइलाइट्स
  • सालों से सड़क न बनने से परेशान था गांव

  • फिर महिलाओं ने अपने हाथ में ली कमान

समाज की भलाई के लिए किए जाने वाले सामूहिक कार्य किस तरह किसी इलाके की दशा और दिशा बदल सकते हैं, इस बात का उदाहरण उत्तराखंड के बागेश्वर में देखने को मिला. 20 साल का लंबा इंतज़ार, नेताओं और अफसरों से लगाई गई लगातार गुहार, जब काम नहीं आई तो बागेश्वर के कांडा क्षेत्र में भंडारी गांव की महिलाओं ने खुद सड़क बनाने की ठान ली.

महिलाओं ने सड़क बनाने के लिए फावड़े-बेलचे उठा लिए और जुट गई अपने पसीने से सड़क को सींचने में. अपने घर की महिलाओं को सड़क बनाते देखकर गांव के पुरुष भी महिलाओं के कंधे से कंधा मिलाकर सड़क निर्माण में जुट गए. देखते ही देखते सड़क बनाने की इस मुहिम में पूरा गांव शामिल हो गया.

सालों से नहीं बनी सड़क 
दरअसल, सरकारें आयी-गयीं और आश्वासन मिलते रहे. साल 2016 में सर्वे भी हुआ लेकिन सड़क नहीं बनी. लेकिन हर गुजरते दिन के साथ गांववालों की परेशानी बढ़ती चली गई. खासकर गांव से अस्पताल जाने या गर्भवती के टीकाकरण में गांववालों को खासी दिक्कत उठानी पड़ रही थी. लिहाजा हर किसी ने यहां सड़क बनाने को अपनी जिंदगी का मकसद बना लिया है. 

(बागेश्वर से जगदीश पांडेय की रिपोर्ट)