कहते हैं कि प्यार अगर सच्चा हो तो बड़ी से बड़ी मुश्किलें पार हो जाती हैं. और फरवरी का महीना तो है ही प्यार का महीना. वैलेंटाइन वीक में बहुत से लोग अपने दिल की बात एक-दूसरे से कह देते हैं और फिर उनकी प्रेम कहानी शुरू हो जाती है.
आज इस प्यार के महीने में हम भी आपको बता रहे हैं एक प्रेम कहानी के बारे में. जो आपको न सिर्फ हौसला देगी बल्कि अपने सपनों और प्यार के लिए लड़ने की ताकत भी देगी.
14 फरवरी को शादी के बंधन में बंधेंगे:
यह कहानी है श्यामा एस. प्रभु आउट मनु कार्तिक की, जो 14 फरवरी को शादी के अटूट बंधन में बंधने जा रहे हैं. इस जोड़ी की खास बात यह है कि वे एक मलयाली ट्रांस-कपल हैं. LGBT समुदाय के लिए कानून बनने के बाद भी लोग खुलकर इन्हें नहीं अपनाते हैं. इसलिए बहुत से लोग कभी बाहर नहीं आते और उनका प्यार कहीं दब कर रह जाता है.
लेकिन मनु और श्यामा न सिर्फ बाहर आए बल्कि अपने सपनों और प्यार के लिए लड़ाई भी लड़ी. और आज अपने परिवार के आशीर्वाद और सम्मान से एक-दूजे के होने जा रहे हैं.
पहले बनाई अपनी पहचान:
त्रिशूर के रहने वाले मनु एक एमएनसी में एचआर हैं. वहीं तिरुवनंतपुरम की श्यामा केरल सोशल जस्टिस डिपार्टमेंट के तहत ट्रांसजेंडर सेल की स्टेट प्रोजेक्ट अफसर हैं. मनु और श्यामा का कहना है कि वे दोनों ही काफी जिम्मेदार हैं और उनका प्यार फिल्मों जैसा नहीं है.
मनु और श्यामा एक-दूसरे को बहुत सालों से जानते हैं. लेकिन मनु ने श्यामा को चार साला पहले प्रोपोज़ किया था. और श्यामा ने पिछले साल उनसे शादी के लिए हां की. श्यामा अपने घर में बड़ी हैं और इसलिए उन पर अपने परिवार की जिम्मेदारी थी.
मनु का कहना है कि जब उन्होंने अपनी पहचान बताई तो सिर्फ उनकी मां ने उनका साथ दिया. उनकी मां उनसे हमेशा यही कहती थी कि वह पढ़ाई करें ताकि अपनी काबिलियत से अपनी पहचान बना सके. इसी तरह श्यामा ने भी अपने परिवार को संभाला और उनके लिए घर बनाया.
ट्रांसजेंडर कपल के तौर पर रजिस्टर करेंगे शादी:
ऐसा नहीं है कि यह LGBTQ समुदाय की पहली शादी है. पहले भी लोगों ने शादियां की हैं. लेकिन समुदाय में अन्य शादियों को पुरुष और महिला के रूप में रजिस्टर किया गया था क्योंकि वे शायद अपनी पहचान उजागर नहीं करना चाहते थे.
लेकिन मनु और श्यामा बतौर ट्रांसजेंडर अपनी शादी को रजिस्टर करना चाहते हैं और अगर मंजूरी मिलती है तो ऐसा करने वाले वे पहले कपल होंगे. ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकार विधेयक, 2014 और ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 उन्हें ऐसा करने का अधिकार देता है.
उम्मीद है कि मनु और श्यामा की आने वाली ज़िन्दगी खुशियों से भरी हुई हो. और वे समाज के लिए एक प्रेरणा बन सकें.