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पर्यावरण प्रेम ऐसा कि नौ किलोमीटर पैदल जाकर भीषण गर्मी में भी पेड़ों को पानी दे रहे रामनरायण मेहर

गर्मियों का मौसम चल रहा है और स्कूल की छुट्टियां भी हैं मगर मेहर जिला मुख्यालय से नौ किलोमीटर दूर अपने विद्यालय पहुंचते हैं और पौधों की साफ सफाई करके उन्हें पानी देने का काम करते हैं. पानी लेने के लिए मेहर को स्कूल से कुछ दूरी पर मौजूद हैंडपम्प जाना होता है जहां से पानी भरकर वो पेड़ों को पानी देते हैं.

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हाइलाइट्स
  • 9 किलोमीटर जाते हैं पैदल

  • छुट्टियों में भी पेड़ों को देते हैं पानी

हरियाली को लेकर अपने जूनून ओर प्रेम के चलते एक शिक्षक की तपस्या आज चर्चा का विषय बनी हुई है. भीषण गर्मी और स्कूल की छुट्टी होने के बावजूद इस अध्यापक के त्याग की हर कोई सरहाना कर रहा है. भीषण गर्मी, पारा 45 डिग्री मगर फिर भी मन की इच्छा शक्ति ऐसी की हर कोई आश्चर्य कर जाय. जी हां, हम आपको आज बता रहे हैं कि कैसे एक शिक्षक भीषण गर्मी और स्कूलों की छुट्टियां होने के बावजूद भी स्कूल पहुंचकर पौधों की सुरक्षा में लगा हुआ है. ग्राम कसाई देहरिया के स्कूल मे पढ़ाने वाले शिक्षक रामनारायण मेहर की तपस्या देखने लायक है. मेहर स्कूल मे शिक्षक हैं और वर्ष भर पर्यावरण और हरियाली के प्रेम के चलते पेड़ पौधों का ध्यान रखते हैं. गर्मियों का मौसम चल रहा है और स्कूल की छुट्टियां भी हैं मगर मेहर जिला मुख्यालय से नौ किलोमीटर दूर अपने विद्यालय पहुंचते हैं और पौधों की साफ सफाई करके उन्हें पानी देने का काम करते हैं. पानी लेने के लिए मेहर को स्कूल से कुछ दूरी पर मौजूद हैंडपम्प जाना होता है जहां से पानी भरकर वो पेड़ों को पानी देते हैं.

राम नारायण मेहर ने बताया कि स्कूल परिसर में उनके आने के पहले पेड़ पौधे नहीं थे मगर आज यहां कई छायादार और फलदार पौधे हैं जो जल्द ही बड़े होकर पेड़ो का रूप ले लेंगे. अवकाश के दिनों मे भी इस तरह सेवा करने वाले मेहर की गांव के लोग भी खूब तारीफ करते हैं. आज के दौर मे जब कई लोग पेड़ो को काटने मे लगे हैं ऐसे में छुट्टी वाले दिन मेहर का ये काम किसी तपस्या से कम नहीं है.

(प्रमोद की रिपोर्ट)