
आंध्र प्रदेश के तिरुपति शहर में पहली बार गर्मी के मौसम में जानवरों और पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए एक पहल शुरू की गई है. इस पहल के तहत, बालकनी, छत और अन्य स्थानों पर रखने के लिए सीमेंट से बने पानी के कटोरे उपलब्ध कराए जा रहे हैं. यह पहल एक एनजीओ Animal Care Land ने शुरू की है और उनका सपोर्ट बंगलुरु स्थित संगठन Water for Voiceless (WFV) कर रहा है. WFV का उद्देश्य बेजुबान जानवरों और पक्षियों को पानी मुहैया कराना है.
कुछ जैन समुदाय के दानियों ने इन दोनों एनजीओ के साथ मिलकर इस अभियान में अहम भूमिका निभाई. 62 एनिमल लवर्स ने मिलकर तिरुपति में इस पहल को चलाया. उन्होंने वेल्लोर, तमिलनाडु से विभिन्न आकार के 180 सीमेंट के कटोरे मंगवाए. Animal Care Land ने लोगों से अपील की है कि जैसे-जैसे गर्मी का मौसम आ रहा है, सड़क पर रहने वाले जानवरों जैसे कुत्ते, बिल्लियां, पक्षी, गाय और वन्यजीवों को साफ पानी उपलब्ध कराएं. इसलिए दोनों संगठन मिलकर बेजुबान जानवरों के लिए मुफ्त पानी के कटोरे बांट रहे हैं.
देशभर में फैली है यह पहल
Water for Voiceless (WFV) एक बेंगलुरु आधारित एनजीओ है, जिसे 2015 में तुंगभद्र के जैन समुदाय के सदस्य सनी हस्तिमल ने स्थापित किया था. WFV एक पैन इंडिया पहल है, जो गर्मी के मौसम में अब तक 1,00,000 से ज्यादा पानी के कटोरे बेजुबान जानवरों और पक्षियों के लिए बांट चुकी है. टीटीडी बोर्ड के सदस्य और जानवरों के प्रेमी भानुप्रकाश रेड्डी ने कहा, "यह हर नागरिक का मूलभूत कर्तव्य है कि वह अपने आसपास के सभी जानवरों को पानी और भोजन मुहैया कराए, ताकि मनुष्य-जानवर संघर्ष से बचा जा सके."
वहीं, WFV की प्रतिनिधि सुप्रिया ने कहा, "स्वयंसेवकों को यह जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि वे नियमित रूप से ताज़ा पानी भरेंगे ताकि पुराने पानी में मच्छर न पनपने लगें." डॉ. एन.वी. श्रीकांत बाबू, एडी, एनीमल हसबेंड्री ने TNIE से बात करते हुए कहा कि जैसे-जैसे तापमान बढ़ेगा, सड़क पर रहने वाले कुत्तों के स्वभाव में बदलाव आएगा क्योंकि उन्हें पानी नहीं मिलेगा, जिससे कुत्तों के काटने की घटनाएं बढ़ सकती हैं. इसलिए, हर किसी को आगे आकर सड़क पर रहने वाले कुत्तों और पक्षियों को पानी देना चाहिए. यह मानवता का कार्य है.
उन्होंने Animal Care Land की पशु चिकित्सक डॉ. यज्ञा वल्क्य, और स्थानीय जानवरों के प्रेमियों संगीता बाबू, जगन, डॉ. कुसमा, राधिका का भी धन्यवाद किया, जो इस प्यास बुझाने की पहल को उत्साह से समर्थन दे रहे हैं.