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Aratrika Chakraborty: 7 साल की उम्र में कमाल! आरात्रिका चक्रवर्ती ने एक मिनट में लगाए 480 चेस्ट लेवल पंच, एशिया बुक और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज

पश्चिम बंगाल की हुगली की एक लड़की आरात्रिका चक्रवर्ती कराटे में एक मिनट में 480 चेस्ट लेवल पंच लगाकर रिकॉर्ड बनाया है. इस कारनामे के बाद उनका नाम एशिया बुक और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया. आरात्रिका ने ये कारनामा 7 साल 8 महीने 12 दिन की उम्र में किया. आरित्रिका ने पिछले साल 2 प्रतिष्ठित कराटे चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल किया था.

Aratrika Chakraborty Aratrika Chakraborty

पश्चिम बंगाल की 7 साल की एक लड़की ने चेस्ट लेवल पंच में रिकॉर्ड बनाया है. लड़की का नाम आरात्रिका चक्रवर्ती है. उसने एक मिनट में 480 चेस्ट लेवल पंच का रिकॉर्ड बनाया है. इस लड़की का नाम एशिया बुक और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया है. आरात्रिका का जन्म 12 अक्तूबर 2016 को हुआ था. आरात्रिका ने 7 साल 8 महीने 12 दिन की उम्र में ये कारनामा किया.

छोटी उम्र, बड़ा कारनामा-
आरात्रिका हुगली के मोगरा के एक छोटे से गांव की रहने वाली है. आरात्रिका ने एक मिनट में 480 चेस्ट लेवल पंच लगाकर तहलका मचा दिया. आरित्रिका इतनी छोटी उम्र में कराटे के खेल में इतना बड़ा मुकाम हासिल करने के साथ पढ़ाई-लिखाई पर भी ध्यान देती है.  वह क्लास 3 में पढ़ाई करती हैं. पढ़ाई के साथ वो रोजाना सुबह और शाम वक्त निकालकर प्रैक्टिस करती हैं. आरित्रिका ने बताया कि इस सफलता के पीछे उनके माता-पिता का बेहद योगदान रहा है. उन्होंने यह मुकाम चेस्ट पंच के खेल में हासिल किया है. पश्चिम बंगाल की इस लड़की का नाम एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में नाम दर्ज हो गया है. इससे आरित्रिका काफी खुश और उत्साहित हैं.

एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज-
आरित्रिका के पिता ने बताया कि बचपन से ही उनको इस खेल का शौक है. इसी कारण उन्होंने 3 साल की उम्र में उसका एडमिशन एक स्थानीय कराटे प्रशिक्षण केंद्र में कराया दिया था. इसके बाद उसने संजय दास की अगुवाई में अपनी मेहनत और लगन से सफलता हासिल करती गई. आरित्रिका ने पिछले साल 2 प्रतिष्ठित कराटे चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल किया था.

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350 चेस्ट लेवल पंच का टारगेट लेकर आरित्रिका ने कुल मिलाकर एक मिनट में ही 690 पंच मार डाले थे. जिसमें 480 चेस्ट लेवल पंच को जजों ने वैध माना. इसके बाद उसका नाम इंडिया बुक और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया. इन संस्थाओं ने आरित्रिका को सर्टिफिकेट भी दे दिया है.
आरित्रिका के पिता का कहना है कि उसकी इस अभूतपूर्व सफलता पर पूरे परिवार को उसे पर गर्व है. उन्होंने बताया कि पिछले 23 जून को उन्होंने इंडिया बुक और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के अधिकारियों को आरित्रिका के परफॉर्मेंस का वीडियो भेजा था. इसके बाद उन्होंने उसका नाम दोनों प्रतिष्ठित बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज कर लिया. वह कामना करते हैं कि उसकी बेटी आने वाले दिनों में इसी तरह सफलता की सीढ़ियां चढ़ती जाए.

(भोलानाथ साहा की रिपोर्ट)

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