सोशल मीडिया पर एक ट्रेंड काफी दिनों से चल रहा है और यह है Decluttering. Declutter (डीक्लटर) यानी अव्यवस्था को हटाना. डीक्लटर से सीधा-सीधा मतलब है साफ-सफाई और व्यवस्थित ढंग से रहना. ज्यादातर लोग इसे घर, ऑफिस या गार्डन आदि की साफ-सफाई से जोड़ते हैं लेकिन यह ऐसी टर्म है जिसका आपके विचारों, आपकी मेंटल हेल्थ से भी कनेक्शन है.
आज की भागदौड़ भरे डिजिटल जमाने में हम सबको अपने गैजेट्स, अपनी अलमारी, कमरा, घर और ऑफिस से लेकर अपने मन की विचारों तक को डीक्लटर करने की जरूरत है. आप अपने मूड के हिसाब से इसकी शुरूआत कर सकते हैं. जैसे आप सबसे पहले अपने कपड़ों से शुरुआत कर सकते हैं. जिन कपड़ों को आप नहीं पहनते हैं, या जो आपके काम के नहीं हैं लेकिन फिर भी अलमारी में हैं, उन्हें आप दान कर दें या रिसायकलिंग में दे दें.
डीक्लटरिंग का पड़ता है हेल्थ पर असर
अपने घर को साफ रखना और सफाई करना आपके लिए अच्छा है. रिसर्च के मुताबिक, सफाई - या सफाई की कमी - मानसिक स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव डाल सकती है. अव्यवस्थित वातावरण में रहना यानी घर का फैला रहना या फिर घर में बहुत ज्यादा सामान होने से तनाव बढ़ता है. हमारे घर में अगर चीजें ठीक से न रखी हों या फिर अलमारी में कपड़ों के ढेर रखे हों तो इसका सीधा असर हमारी हेल्थ पर पड़ता है. भले ही हमें एकदम स अहसास न हो लेकिन यह निगेटिव असर डालता है.
घर या चीजों के अव्यवस्थित होने से भटकता है ध्यान
रिसर्चर्स का यह भी ने मानना है कि अव्यवस्था या क्लटरिंग होने से किसी काम पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है. कुछ मायनों में, अव्यवस्था और गंदगी भ्रम, तनाव और चिड़चिड़ापन जैसे नकारात्मक भावों से जुड़ी होती हैं, जबकि एक व्यवस्थित घर शांति, सुकून जैसी सकारात्मक भावनाएं पैदा करता है.
डीक्लटरिंग के फायदे
शोध के मुताबिक, सफाई से आपके मानसिक स्वास्थ्य पर कई सकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं. उदाहरण के लिए, सफाई करने से आपको महसूस होता है कि यह वातावरण आपका है और आपके कंट्रोल में है. सफाई से दिमाग को शांति मिलती है. यह व्यक्ति के मूड में सुधार के साथ-साथ मन में उपलब्धि और संतुष्टि की भावना भी पैदा करता है. ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से सफाई आपको तनावमुक्त करने में मदद कर सकती है.
इस तरह करें डीक्लटरिंग की शुरुआत