
पठान फिल्म ने रिलीज होने से पहले जितनी सुर्खियां बटोरी थीं, उतनी ही रिलीज होने के बाद बटोर रही है. शाहरुख खान-दीपिका पादुकोण स्टारर फिल्म ने रिलीज के साथ ही कई रिकॉर्ड्स बनाए हैं. फिल्म के बॉयकॉट ट्रेंड के बावजूद बॉक्स ऑफिस पर फिल्म कमाल कर रही है.
इस फिल्म में एक्शन, रोमांस और सिनेमेटोग्राफी को लगातार सराहा जा रहा है. और अब दर्शकों का ध्यान फिल्म से जुड़ी एक खास बात की और गया है. दरअसल, इस फिल्म के रिलीज होने के बाद से ही लगातार Kintsugi (किंत्सुगी) कॉन्सेप्ट की चर्चा हो रही है.
क्या है Kintsugi कला
अब सवाल है कि आखिर यह क्या कॉन्सेप्ट है. आपको बता दें कि Kintsugi एक जापानी कला है. मिट्टी से बने बर्तन या अन्य किसी भी चीज के टूटने पर, इन चीजों को फिर से सोने की मदद से जोड़ा जाता है. जोड़ने के बाद उस चीज पर निशान रह जाते हैं लेकिन यह पहले से भी मजबूत हो जाती है. इस जोड़ने की कला को किंत्सुगी कहते हैं.
जापान में किंत्सुगी कला 400 साल पुरानी है और इससे टूटी हुई चीजों को संवारा जा रहा है. जापानियों का मानना है कि कई बार किसी टूटी हुई चीज को जोड़ते हुए हम पहले से भी कहीं ज्यादा अनोखी, सुंदर और मजबूत चीज बना देते हैं.
लोगों को उनकी खामियों के साथ अपनाएं
यह दिखने-सुनने में भले ही साधारण सी बात लगे. लेकिन जापानी संस्कृति और साहित्य में किंत्सुगी कला को बहुत ही गहरा मतलब और महत्व है. दरअसल, जापानी इस कला को अपने जीवन से जोड़ते हैं. उनका कहना है कि किंत्सुगी कला बताती है कि लोग कैसे खुद को हील कर सकते हैं और अपनी खामियों के साथ भी वे सुंदर हैं.
किंत्सुगी को हम अपने दैनिक जीवन से जोड़ सकते हैं. चाहे आप किसी भी परेशानी से गुजर रहे हों, निजी या परिवार की, लेकिन आप खुद को जोड़ कर रख सकते हैं. हर एक मुश्किल का सामना करके भी आप फिर से खुद को समेटकर और हिम्मत से आगे बढ़ सकते हैं. और आपको मिली चोट कोई दाग नहीं बल्कि मजबूती का निशान हो सकती है.
पठान फिल्म मे हैं जिक्र
फिल्म में, शाहरुख खान ने अपने एक सीन में अपने बॉस की भूमिका निभाने वाली डिंपल कपाड़िया से बात करते हुए किंत्सुगी का जिक्र करते हैं. फिल्म में पठान का कहना है कि किंत्सुगी वह कला है जहां जापानी टूटे हुए टुकड़ों को जोड़कर फिर से कुछ नया बनाते हैं, ताकि यह बेहतर और अधिक मूल्यवान हो जाए. फिल्म में पठान इसे अपना नया शौक बताते हैं.