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पार्टी में Kiss करने पर लड़की को हुआ गले में दर्द, जांच कराने पर सामने आया ग्लैंड्यूलर फीवर, जानें क्या है ‘किसिंग डिजीज’ और इससे कैसे बचें

किसिंग डिजीज एपस्टीन-बार (EBV) नामक वायरस से इंसानों में होता है. इसके बाद यह संक्रमित व्यक्ति की लार से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में पहुंच जाता है.

kissing disease: Image: Canva kissing disease: Image: Canva
हाइलाइट्स
  • जानें क्या है ग्लैंड्यूलर फीवर या किसिंग डिजीज

  • बीमारी का इलाज सप्रोर्टिव ट्रीटमेंट से होता है.

क्या सिर्फ किस करने से ही कोई शख्स अस्पताल पहुंच सकता है! सुनने में थोड़ा अजीब लगे पर यह सच है. आज के समय में क्लब जाना, अंजान लोगों के साथ मिलना, पार्टी करना आम बात है. स्कॉटलैंड की रहने वाली 22 साल की नीव मैकरेव ने भी ऐसा ही किया. नीव जब ग्रैजुएट हुई, तो इसका जश्न मनाने वो एक क्लब में चली गई. 

उसी क्लब में नीव को एक अंजान शख्स मिला, जिसके साथ वो डांस करने लगीं. फिर बाद में दोनों ने एक दूसरे को किस किया. इसके बाद नीव अपने घर चली गईं. जब वो अगले दिन सोकर उठीं तो उनके गले में दर्द था.

सन की रिपोर्ट के मुताबिक नीव के गले में जोरों का दर्द हो रहा था. उन्हें लगा कि शायद उनके टॉन्सिल की वजह से दर्द हो रहा है. जो इससे पहले भी हो चुका था. मगर अगले 24 घंटों में स्थिति और भी ज्यादा खराब हो गई. थूक उनके गले में फंसने लगा.  उसके बाद नीव डॉक्टर के पास गईं. वहां पर जांच में पता चला कि उन्हें ग्लैंड्यूलर फीवर हो गया है.

जानें क्या है ग्लैंड्यूलर फीवर या किसिंग डिजीज
किसिंग डिजीज एपस्टीन-बार  (EBV) नामक वायरस से इंसानों में होता है. इसके बाद यह संक्रमित व्यक्ति की लार से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में पहुंच जाता है. ये बीमारी किस करने यानी चूमने, खांसने और छींकने के साथ-साथ एक चम्मच से खाना खाने, एक ही सिगरेट को पीने, एक गिलास में पानी पीने से भी फैलती है. वहीं, इस बीमारी को किसिंग डिजीज इसलिए कहते हैं क्योंकि ये सलाइवा के जरिए शरीर में प्रवेश करती है.

kissing disease

किसिंग डिजीज के लक्षण
किसिंग डिजीज का वायरस जब शरीर में आता है तो सबसे पहले गले में बदलाव देखने को मिलता है. इसके कारण टॉन्सिल, खांसी और गले में खराश जैसा लगता है. उसके बाद व्यक्ति का गला दर्द करने लगता है और उसे बुखार आ जाता है. इस बुखार में गले की ग्रंथि में सूजन आ जाती है. इसके बाद व्यक्ति को उल्टियां तक होने लगती हैं और उसे बार-बार पसीना आने लगता है. सिर और शरीर में दर्द होना, भूख कम लगना, पेट में दर्द होना भी इसके लक्षण हैं. 

किसिंग डिजीज का प्रभाव
किसिंग डिजीज का प्रभाव सबसे ज्यादा लिवर पर पड़ता है. जिसके चलते लिवर फेलियर और हेपेटाइटिस भी हो सकता है. ऐसे में डाक्टर सावधानी बरतनी की सलाह देते हैं.

किसिंग डिजीज से कैसे बचें
किसिंग डिजीज से बचने का एकमात्र तरीका सावधानी है. कभी भी किसी अंजान लोगों को किस न करें. अगर आपके पार्टनर को बुखार, गले में सूजन, सिरदर्द के लक्षण दिख रहे हैं तो उसे किस करने से बचें. यहां तक कि उसका झूठा खाना भी न खाएं.

किसिंग डिजीज का अभी तक कोई पुख्ता इलाज नहीं है. इसे बस लक्षणों के आधार पर मैनेज कर सकते हैं. जैसे-
दर्द और बुखार होने पर दवा लें.
खुद को हाइड्रेट रखने के  लिए फ्लूइड पीना
पर्याप्त आराम करें.