खुशी कह लें या फिर सुख... इंसान की सबसे बड़ी चाहत है. हम हमेशा अपने जीवन में खुशी पाने की ही चाहत रखते हैं. अगर आप भारत के सबसे खुशहाल राज्य में रहने की सोच रहे हैं तो इस स्टडी पर ध्यान दे सकते हैं. गुरुग्राम के एक मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट ने इसपर स्टडी की है. इसमें भारत के राज्य मिरोजम से जुड़ी रोचक जानकारी सामने आई है.
मिजोरम सबसे खुशहाल राज्य घोषित
नॉर्थ ईस्ट के स्टेट मिजोरम को भारत का सबसे खुशहाल राज्य घोषित किया गया है. गुरुग्राम के मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट ने 6 अलग-अलग पैरामीटर पर गणना करने के बाद मिजोरम को सबसे खुशहार राज्य का टैग दिया है. मिजोरम भारत का दूसरा ऐसा राज्य है जिसने 100 प्रतिशत साक्षरता हासिल की है. अध्ययन से पता चलता है कि मिजोरम की अनूठी सामाजिक संरचना इसकी युवा आबादी की खुशी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. मिजोरम हैप्पीनेस इंडेक्स 6 पैरामीटर परिवार के रिश्ते, काम से संबंधित मुद्दे, सामाजिक मुद्दे, धर्म, खुशी पर कोरोना का असर, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर आधारित हैं.
क्यों है मिजोरम खुशहाल राज्य
लड़कों और लड़कियों के बीच भेदभाव नहीं: मिजो समुदाय के युवा कम उम्र से ही इंडिपेंडेंड बन जाते हैं. युवाओं को आमतौर पर 16 या 17 साल की उम्र के आसपास रोजगार मिल जाता है. यहां के लोग कोई भी काम को छोटा नहीं मानते. इसके लिए उनको प्रोत्साहित भी किया जाता है. राज्य के भीतर लैंगिक भेदभाव की बहुत कम घटनाएं देखने को मिलती हैं.
एक दूसरे पर निर्भर नहीं: मिजोरम के बच्चों को कम उम्र में ही जीवन यापन करना सिखाया जाता है. यहां कोई भी दूसरे पर निर्भर नहीं है. यहां बच्चे अपने आने वाले भविष्य की चीजों को लेकर उम्मीद रखते हैं. मिजोरम के युवा हमेशा अपने साथ प्लान बी लेकर चलते हैं.
बच्चों के दोस्त भी हैं यहां के टीचर्स: राज्य के छात्रों के अनुसार, हमारे टीचर हमारे सबसे अच्छे दोस्त हैं. हम बिना किसी डर या शर्म के उनके साथ कुछ भी साझा करने में सहज महसूस करते हैं. मिजोरम में शिक्षक नियमित रूप से छात्रों और उनके माता-पिता से मिलते हैं.
मां- बाप नहीं डालते पढ़ाई का दबाव: मिजोरम के युवाओं की खुशी में परवरिश का खास महत्व है. यहां करियर में सफलता हासिल करने के लिए या पढ़ाई में अच्छा ही करने के लिए माता-पिता का दबाव कम होता है. मिजोरम में कास्ट लेस सोसाइटी है.
सबसे अच्छी बात ये है कि यहां के युवा हताश नहीं हैं, उनका जीवन आशाओं से भरा हुआ है. राज्य अपने युवाओं को कठिन परिस्थितियों में भी विकास का मौका देता है.