NIKE ब्रांड को कौन नहीं जानता है. स्पोर्ट्स जूते पहनने वालों में अधिकांश लोगों की पहली पसंद NIKE के जूतों को करते हैं. वहीं जो स्पोर्ट्स शू नहीं पहनते है. वो भी NIKE के नाम को बखूबी जानते हैं. वहीं NIKE जितना बड़ा नाम है उतनी ही इसकी दिलचस्प कहानी भी हैं. वहीं क्या आप जानते है कि NIKE का पहला जूता कौन सा था, और इसकी शुरुआत कहाँ से हुई थी. हम यहां बता रहे है कि NIKE की शुरुआत कैसे हुई और वह किस तरह इतना बड़ा ब्रांड बनकर उभरा.
NIKE कंपनी को शुरू करने का सपना फिल नाइट (Phil Knight) ने देखा था. वहीं इसकी शुरुआत उन्होंने 1962 में की थी. फिल ने जब यह कंपनी शुरू करने का सपना देखा था तब वह स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए कर रहे थे. फिल ने एमबीए करने के दौरान एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे. उस दौरान अमेरिका में जर्मनी के जूते ADIDAS और PUMA का बोलबाला था. उसी दौरान जापान के कैमरों ने जर्मन कैमरों को पीछे छोड़ बाजार में अपनी अलग ही जगह बना ली थी. जिस पर फिल का प्रोजेक्ट भी था. उनके प्रोजेक्ट का टाइटल था कि जो जापानी कैमरों ने जर्मन कैमरों के साथ किया, क्या वो जापानी जूते भी कर सकते है.
Onitsuka Tiger जूतों से की शुरुआत
फिल ने अपनों एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने आइडिया को सच करने का फैसला किया. जिसके तहत फिल जापान पहुंच गए. वहां पर उनकी नजर Onitsuka Tiger पर पड़ी. Onitsuka Tiger उन दिनों जापान में बेहद फेमस जूतों में से एक था. यह कंपनी उन दिनों धावकों के लिए जूते बनती थी. जो बेहद हल्के होते थे, साथ ही इसे धावक काफी पसंद भी करते थे. इन जूतों को फिल ने अमेरिका में बेचने का फैसला किया. जिसके लिए फिल ने Onitsuka Tiger के मालिक Kihachiro Onitsuka से मिलने का फैसला किया.
फिल Kihachiro Onitsuka से मिलने से पहले काफी नर्वस थे, क्योकि उन्होंने हाल ही में एमबीए की पढ़ाई पूरी की थी और वह बिजनेश शुरू करना चाहते थे. जब फिल Kihachiro Onitsuka से मिले तो उन्होंने अपने आपको ब्लू रिबल स्पोर्ट्स कंपनी का मालिक बताया था, जबकि अभी तक इस कंपनी की कोई नीव भी नहीं रखी गई थी. फिल ने Kihachiro Onitsuka ने कहा कि उनकी कंपनी अमेरिका में उनके जुते बेचना चाहती है. जिस पर Kihachiro Onitsuka राजी हो गए.
Blue Ribbon से Nike तक का सफर
जापान से Onitsuka Tiger के जूतों की पहली खेप 1964 के पहले सप्ताह में अमेरिका पहुंची थी. जूतों की पहली खेप पहुंचने पर फिल काफी खुश हुए. वहीं उन्होंने अपने इस आइडिया के बारे में अपने कोच बिल बोवेरमन को बता रखा था. वहीं जब जापान से जुते आये तो उसके दो जोड़ी जुटे फिल ने अपने कोच को भी भेजे. जूतों की क्वालिटी देख बिल काफी प्रभावित हुए. जिसके बाद दोनों ने मिलकर Blue Ribbon Sprots को काफी आगे बढ़ाया.
Onitsuka Tiger जूतों को अमेरिका में काफी पसंद किया गया. जिसके बाद फिल ने दूसरे आर्डर में 300 जूतों की खेप मंगवाई थी. वहीं इसकी मांग को देखते हुए फिल ने फिर 1300 जूतों का आर्डर किया. जब जूतों की मांग बढ़ने लगी तो फिल ने अपना स्टाफ बढ़ाया. साथ ही फिल ने NIKE का पहला स्टोर 1966 में कलिफ़ोर्निया में खोला था. वहीं जब बाद में जूतों की सेल बढ़ी तो Onitsuka फिल के आर्डर पूरे नहीं कर पा रहे थे. जिसको लेकर Onitsuka ने फिल ने कहा कि उनकी प्राथमिकता पहले जापानी लोगों की मांग पूरी करनी है अमेरिका की नहीं.
इसके बाद Onitsuka और ब्लू रिबन स्पोर्ट्स कंपनी के बीच 1972 में करार खत्म हो गया. लेकिन कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने से पहले ही फिल और उनके कोच बिल ने अपने नए आइडिया पर काम करना शुरू कर दिया. करार खत्म होने से पहले कंपनी का नया नाम भी सोच लिया गया. करार खत्म होने के बाद ब्लू रिबन की जगह कंपनी का नाम NIKE रखा गया. Onitsuka से करार खत्म होने के बाद Munice ओलंपिक शुरू होने से पहले फिल और बिल ने NIKE कंपनी को शुरू कर दिया था. जिसका लोगो आज ब्रांड के नाम से भी बड़ा हो गया है.
ऐसे बना था NIKE का लोगों
1972 में NIKE कम्पनी शुरू करने से पहले फिल को आईडिया आया कि उनकी कंपनी का एक लोगो भी होना चाहिए. जिसके बाद NIKE का लोगो बनाने का जिम्मा पोर्टलैंड स्टेट यूनिवर्सिटी के डिजाइन के छात्रों को दिया गया. जिनमें से Carolyn Davidson ने NIKE का पहला लोगो बनाया. NIKE का लोगों बनाने के लिए उन्हें कंपनी की तरफ से 35 डॉलर दिया गया था. ब्लू रिबन स्पोर्ट्स का नाम बदलकर NIKE करना कंपनी के पहले कर्मचारी जेस जॉनसन का आईडिया था. वहीं यह नाम ग्रीक की देवी विक्ट्री से लिया गया है. NIKE नाम से कंपनी शुरू होने के बाद उनका पहला जूता Moon Shoe लॉन्च किया गया था. जिसे ओलंपिक ट्रायल में भाग लेने वाले एथलीटों के लिए डिजाइन किया गया था.
अब NIKE दुनिया की सबसे बड़ी स्पोर्ट्स शू कंपनीयों में शामिल
कंपनी के स्थापना के बाद इसके जूतों की बिक्री और तेज बढ़ने लगी. जिसके बाद फिल और बिल ने जापान में भी अपना बिजनेस बढ़या. NIKE 1989 में अमेरिका की सबसे बड़ी स्पोर्ट्स शू कंपनी बनकर उभरी. वहीं अब यह दुनिया की सबसे बड़ी स्पोर्ट्स शू कंपनियों में शामिल हो चुकी है. वहीं NIKE के ब्रांड एम्बेसडर फूटबाल खिलाडी क्रिस्टिआनो रोनाल्डो हैं.