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Smiley तो खूब भेजते हैं, जान लीजिए बनाया किसने था

हार्वे बॉल ने साल 1999 में वर्ल्‍ड स्‍माइल कॉर्पोरेशन बनाया. यह कॉर्पोरेशन स्‍माइली के लिए लाइसेंस देती है और वर्ल्‍ड स्‍माइल डे ऑर्गेनाइज करती है. वर्ल्‍ड स्‍माइल डे पर पैसे भी जुटाए जाते हैं, जो हार्वे बॉल वर्ल्‍ड स्‍माइल फाउंडेशन (एनजीओ) के जरिए जरूरतमंद बच्‍चों पर खर्च किए जाते हैं. वर्ल्‍ड स्‍माइल डे हर साल अक्‍टूबर के पहले शुक्रवार को मनाया जाता है.

हार्वी रॉस बॉल हार्वी रॉस बॉल
हाइलाइट्स
  • हार्वी रॉस बॉल ने इमोजी बनाई थी.

  • इन्होंने ही 1999 में वर्ल्‍ड स्‍माइल डे का सेलिब्रेशन शुरू किया था

सोशल मीडिया पर चैटिंग करते वक्त स्माइली का इस्तेमाल हर कोई करता है.. बिना स्माइली के वॉट्सऐप से लेकर इंस्‍टाग्राम और फेसबुक से लेकर ट्विटर सभी पर चैटिंग का मजा नहीं आता . लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा कि इन  स्माइलीज या  इमोटिकॉन्‍स को किसने बनाया. टेकस्ट मैसेज पर हंसना, रोना, खाना, सोना किसने सिखाया आईये बताते हैं. 

इन्होंने की थी इमोजी की खोज

इमोजी को सबसे पहले अमेरिका में बनाया गया था. इमोजी के जन्मदाता का नाम है  'हार्वी रोस बॉल'. अमेरीका में जन्मे हार्वी ने इस स्माइली फेस को जब तैयार किया था, तब उन्हें पता भी नहीं था कि यह इतना ज्यादा फेमस हो जाएगा. उन्होंने कभी इसे पेटेंट भी नहीं करवाया. 

2001 में कहा दुनिया को अलविदा

अमेरिकी कर्मश‍ियल आर्टिस्‍ट हार्वे बॉल अब इस दुनिया में नहीं हैं.  साल 2001 में उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा, लेकिन उनकी दी गई ‘हंसी और खुशी’से आज भी आज भी अरबों  लोग  अपने इमोशन को शेयर करते हैं. 

एक कंपनी ने दिया था स्‍केच का काम

हार्वी ने दूसरे विश्‍व युद्ध में एश‍िया और पैसिफिक क्षेत्र की तरफ से हिस्‍सा लिया था. उन्‍हें वीरता के लिए कांस्‍य पदक से भी नवाजा गया है. युद्ध खत्‍म होने के बाद हार्वे ने खुद ही एडवर्टाइजिंग कंपनी ‘हार्वे बॉल एडवर्टाइजिंग’ शुरू की. साल 1963 की बात है, एक कंपनी ने हार्वे को कुछ ऐसा स्‍केच करने को कहा जिसे बटन पर लगाया जा सके.  हार्वे ने पीले रंग के ऊपर हंसता हुआ चेहरा बनाया, जो आज स्‍माइली के नाम से मशहूर है. 

10 मिनट की मेहनत के लिए मिले 45 डॉलर

हार्वे बॉल के हाथों बनाई गई इमोजी को उस दौर में  45 डॉलर मिले थे. इमोजी बनाने में लगा वक्त मात्र दस मिनट ही था. एक बार हार्वे ने कहा था कि "आज स्‍माइली का बड़े तौर पर बाजारीकरण हो गया है और लोग इसके असली मैसेज को भूल गए हैं.  स्‍माइली का असली मैसेज है अच्‍छी इच्‍छा और उत्‍साह, खुशी को फैलाना. 

वर्ल्‍ड स्‍माइल डे का सेलिब्रेशन

हार्वी बॉल ने  साल 1999 में  वर्ल्‍ड स्‍माइल कॉर्पोरेशन बनाया.  यह कॉर्पोरेशन स्‍माइली के लिए लाइसेंस देती है और वर्ल्‍ड स्‍माइल डे ऑर्गेनाइज करती है.  वर्ल्‍ड स्‍माइल डे पर पैसे भी जुटाए जाते हैं, जो हार्वे बॉल वर्ल्‍ड स्‍माइल फाउंडेशन (एनजीओ) के जरिए जरूरतमंद बच्‍चों पर खर्च किए जाते हैं. वर्ल्‍ड स्‍माइल डे हर साल अक्‍टूबर के पहले शुक्रवार को मनाया जाता है.