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जानिए कौन हैं प्रेमानंद महाराज को हंसा-हंसा कर लोटपोट करने वाले जोजो-जॉनी, डिप्रेशन से उबरने के लिए शुरू की थी यह कला

इस वीडियो में राहुल मिश्रा ने जोजो और जॉनी नामक पपेट्स (कठपुतली) के जरिए महाराज से संवाद किया. जिस पर प्रेमानंद जी लगातार हंसते और उनकी कला की सराहना करते दिखाई दे रहे हैं.

Ventriloquist Rahul Mishra (Left) and Premanand Maharaj (Right) Ventriloquist Rahul Mishra (Left) and Premanand Maharaj (Right)

वृंदावन के प्रमुख संत प्रेमानंदजी महाराज का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में वह जयपुर के वेंट्रिलोक्विस्ट (बोलती कठपुतली कला) राहुल मिश्रा के साथ बातचीत के दौरान ठहाके लगाते नजर आ रहे हैं. इस वीडियो में राहुल मिश्रा ने जोजो और जॉनी नामक पपेट्स (कठपुतली) के जरिए महाराज से संवाद किया. जिस पर प्रेमानंद जी लगातार हंसते और उनकी कला की सराहना करते दिखाई दे रहे हैं. 

प्रेमानंद महाराज ने की सराहना 
जयपुर के राहुल मिश्रा देशभर में एक वेंट्रिलोक्विस्ट के रूप में पहचान बना चुके हैं. वेंट्रिलोक्विज्म एक अनोखी कला है, जिसमें कलाकार बिना होठ हिलाए आवाज निकालता है, जिससे ऐसा लगता है कि कोई अन्य व्यक्ति या पपेट बोल रहा है. राहुल मिश्रा ने बताया, "मेरे पास जोजो और जॉनी नाम के दो पपेट्स हैं, जिनके जरिए मैं अपनी परफॉर्मेंस देता हूं. वृंदावन में प्रेमानंद जी महाराज से मुलाकात के दौरान जोजो और जॉनी ने उनसे संवाद किया, जिस पर वे लगातार हंसते रहे और बोले- 'ये खिलौने खुद कैसे बोलते हैं? यह तो अद्भुत कला है!' उन्होंने मेरी इस कला की काफी सराहना की."

महाराज जी को कला इतनी पसंद आई की उन्होंने राहुल को आश्रम से निकलने के बाद अपने शिष्यों को भेजकर फिर से बुलाया. उन्होंने  जोजो और जॉनी को 500-500 रुपये इनाम के रूप में दिए और उन्हें सम्मानित किया. साथ ही, प्रसादी ग्रहण करवाई. राहुल का कहना है कि यह उनके लिए बहुत बड़ी बात है. राहुल जैसे बहुत से युवा प्रेमानंद महाराज की वाणी और प्रवचनों को फॉलो करते हैं. 

थिएटर से की थी शुरुआत 
राहुल जब आश्रम से बाहर निकले तो बृजवासियों ने उन्हें घेर लिया और कहा कि हमने महाराज जी को इतना हंसते हुए नहीं देखा है, आपने कमाल कर दिया. दरअसल, राहुल ने अपने करियर की शुरुआत थिएटर से की थी. इस क्षेत्र में पर्याप्त कमाई न होने के कारण उन्होंने जॉब शुरू की. लेकिन लॉकडाउन के बाद नौकरी चली गई तो वो डिप्रेशन में आ गए. 

तब उनके दोस्तों ने उन्हें एक पपेट बनाकर दिया, जिससे उन्होंने वीडियो बनाए. टिकटॉक पर उनके वीडियो वायरल हुए, लेकिन असली सफलता तब मिली जब उन्होंने अपनी कला को और निखारा और बड़े मंचों तक पहुंचे. राहुल कई बड़े शोज का हिस्सा रह चुके हैं और अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं.

(विशाल शर्मा की रिपोर्ट)