ऐसा लगता है कि कंप्यूटर, कोडिंग, एथिकल हैकिंग जैसी चीजें अब काफी आम हो गई हैं जिन्हें हर दूसरा व्यक्ति जानता है या उनमें रुचि रखता है. लेकिन कई लोगों के लिए, कोडिंग की भाषा को समझना और जानना बहुत कठिन होता है. हालांकि, सिमर के लिए ऐसा नहीं था. कनाडा की रहने वाली भारतीय मूल की सिमर खुराना दुनिया की सबसे कम उम्र की वीडियोगेम डेवलपर हैं. उनकी उम्र 6 साल हैं. हां, आपने सही पढ़ा, ओन्टारियो की रहने वाली एक प्रतिभाशाली बच्ची सिमर ने अपने अविश्वसनीय कौशल से सभी कोडर्स को आश्चर्यचकित कर दिया है.
इस उम्र के बच्चों के लिए अपना अधिकांश खाली समय वीडियो गेम खेलने में बिताना असामान्य बात नहीं है, लेकिन ओंटारियो, कनाडा की रहने वाली इस छोटी सी बच्ची ने यह फैसला लिया और छोटी सी उम्र में कोडिंग करने को सोची. सिर्फ 6 साल और 335 दिन की उम्र में, सिमर खुराना दुनिया की सबसे कम उम्र की वीडियोगेम डेवलपर बन गईं हैं. सिमप का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है.
कहां से आया ख्याल?
सिमर की कहानी तब शुरू हुई जब वह एक डॉक्टर के पास गई और उस एक बातचीत ने उसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराने के लिए प्रेरित किया. जीडब्ल्यूआर (GWR)से बात करते हुए सिमर के पिता पारस खुराना ने कहा, फैमिली डॉक्टर से मिलने के बाद, जहां उन्होंने उसे और उसकी बड़ी बहन को जंक फूड खाने के बारे में समझाया वहीं से उसके मन में गेम का विचार आया, जिसे उन्होंने हेल्दी फूड चैलेंज (Healthy Food Challenge)नाम दिया. सिमर ने कहा, "डॉक्टर ने कहा कि मुझे स्वस्थ खाना चाहिए, इसलिए मैंने स्वस्थ भोजन और जंक फूड के बारे में एक गेम बनाने का फैसला किया." इस प्रतिभाशाली बच्ची ने एक साल से भी कम समय पहले कोडिंग सीखना शुरू किया था और वह सप्ताह में तीन क्लासेज लेती थी. सिमर के पिता पारस ही वह व्यक्ति हैं जिन्होंने गणित और कोडिंग के लिए अपनी बेटी की योग्यता पर ध्यान दिया. कुछ महीनों की क्लासेज के बाद, सिमर ने फैसला किया कि वह अपनी उम्र के बच्चों के लिए एक वीडियो गेम बनाना चाहती है.
क्या है उद्देश्य?
एक बहुत ही अनोखे तरीके से, सिमर अपने साथियों को यह सीखने में मदद करना चाहती है कि हेल्दी और अनहेल्दी भोजन क्या माना जाता है? जंक फूड का क्या प्रभाव होता है और कम उम्र से संतुलित आहार लेना कितना महत्वपूर्ण है. सिमर स्कूल जाती है और उसके बाद उनकी हर दिन 1-2 क्लासेज होती हैं. इसके बाद उन्हें कुछ कोडिंग प्रोजेक्ट करने होते हैं जिसके लिए हर दिन 1-2 घंटे अभ्यास करती हैं.
Youtube देखकर सीखी मैथ्स
सिमर ने यूट्यूब वीडियो देखकर खुद ही मैथ्स सीखी. किंडरगार्टन में रहते हुए, वह ग्रेड 3 मैथ्य समझने लगी थी. उसके पास जो कुछ भी था, वह उससे शिल्प और खेल बना रही थी, कभी-कभी वह इसके लिए बेकार कागज का भी इस्तेमाल करती थी. सिमर के पिता ने विश्वास जताया कि उनकी बेटी स्वाभाविक रूप से कोडिंग में नई उपलब्धि हासिल करेगी क्योंकि उसके पास वह सभी स्किल्स थे जो इसके लिए चाहिए. इसकी शुरुआत करने के लिए उन्होंने सिमर को डेमो कोडिंग क्लास के लिए भेजा जोकि उसे बहुत पसंद आई.
चलाती हैं खुद का यूट्यूब चैनल
गणित और कोडिंग कुछ ऐसे पहलू रहे हैं जिन्होंने उन्हें हमेशा से सिमर को आकर्षित किया है और वह इसे आगे बढ़ाना चाहती थीं. सिमर अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ निश्चयी थी और कड़ी मेहनत करने को तैयार थी इसलिए पिता ने बाद में उसकी क्लासेज भी बढ़ा दी. बाद में उसने सप्ताह में 4 कक्षाएं लेना शुरू कर दिया. इसके साथ ही वह डांस, जिमनास्टिक और कराटे भी सीखती है और इसे आगे भी जारी रखना चाहती है. सिमर का एक यूट्यूब चैनल भी है, जिसका नाम सिमर्स वर्ल्ड है. इसके माध्यम से वह अन्य बच्चों के साथ जुड़ने और अधिक खेलों के लिए अपने विचारों को साझा करने का इरादा रखती है.