जब हम बचपन में आसमान में हवाई जहाज उड़ने की आवाज सुनते थे तो तुरंत बाहर निकलकर आसमान की तरफ देखते और सफ़ेद रंग के हवाई जहाज पर नजर पड़ते ही जोर-जोर से चिल्लाने लगते और खुश होते थे. उसे तब तक देखते रहते जब तक वह आँखों से ओझल नहीं हो जाता. हम तब सोचते थे कि आखिर गाड़ियों का रंग अलग-अलग होता है लेकिन अधिकांश हवाई जहाज का रंग सिर्फ सफ़ेद क्यों होता है. हम बड़े हुए लेकिन हवाई जहाज का रंग नहीं बदला. आपके मन में भी कभी न कभी ये सवाल आया होगा कि आखिर इसके पीछे राज क्या है. तो चलिए आज इस राज से पर्दा उठा देते हैं और आपको बताते हैं कि हवाई जहाज चाहे किसी भी कंपनी का हो उसका रंग सफेद ही क्यों होता है.
हवाई जहाज सफेद होने के पीछे मूलतः दो कारण है. एक वैज्ञानिक कारण और दूसरा आर्थिक कारण. हम सबसे पहले बात करते हैं वैज्ञानिक कारण की.
पहला कारण- आपने महसूस किया होगा जब आप सफेद छोड़कर काला, नीला, पीला या कोई दूसरे कलर का कपड़ा पहनकर धुप में निकलते हैं तो कितनी ज्यादा गर्मी लगती है. वहीं सफ़ेद कलर का कपड़ा पहनकर निकलते हैं तो गर्मी कम लगती है. इसके पीछे का कारण है कि सफेद रंग सूरज की रौशनी को रिफ्लेक्ट कर देता है और इस वजह से गर्मी कम लगती है. हवाई जहाज के केस में भी ऐसा ही होता है. हवाई जहाज को इसी गर्मी से बचाने के लिए सफेद रंग से पेंट किया जाता है.
दूसरा कारण- सफेद रंग की किसी गाड़ी में जिस तरह से क्रेक या डेंट को पहचानना आसान होता है ठीक उसी तरह से हवाई जहाज के साथ भी होता है. मान लीजिए कि हवाई जहाज का रंग सफेद न होकर किसी और कलर का होता और अगर प्लेन के बॉडी के किसी पार्ट में क्रेक हो जाता तो उसे ढूंढना मुश्किल होता. लेकिन सफेद रंग होगा तो आसानी से उस क्रेक को ढूंढा जा सकता है.
तीसरा कारण- सफेद रंग, दूसरे रंगों की तुलना में वजन में हल्का माना जाता है. और यह भी एक मुख्य वजह है जिसके कारण हवाई जहाज को सफेद रंग से पेंट किया जाता है. अगर किसी और कलर से प्लेन को पेंट किया जाए तो उसके वजन में और बढ़ोतरी हो जाएगी.
चौथा कारण- इसके अलावा सफेद रंग की विजिबिलिटी अन्य रंगों की तुलना में ज्यादा होती है. आपने गौर किया होगा कि हजारों किलोमीटर ऊपर उड़ रहे हवाई जहाज को हम धरती से आसानी से देख लेते हैं. अगर किसी तरह को कोई हादसा होता है तो प्लेन के मलबे को पहचानने में आसानी होगी.
आर्थिक कारण
सफ़ेद रंग अन्य रंगो की तुलना में जल्दी खराब नहीं होता. खासकर धूप में दूसरा कोई रंग जल्द ही अपनी चमक खो बैठता है और इस वजह से बार-बार पेंट करना पड़ता है. हवाई जहाज को एक बार पेंट करने में करीब पचास हजार डॉलर से दो लाख डॉलर तक खर्च करने पड़ते हैं. और ऐसे में इसे किसी और कलर से पेंट किया जाए तो कंपनी को बार-बार पेंट करवाना पड़ेगा जो कि एक्स्ट्रा आर्थिक बोझ बनेगा.