आत्मविश्वास और जोश से भरे Gen Z कंपनी में मैनेजमेंट की जॉब नहीं करना चाहते हैं. ऐसा हम नहीं बल्कि एक रिपोर्ट में दावा किया गया है. Gen Z अपना खुद का बिजनस तो करना चाहते हैं लेकिन उन्हें कंपनी में मैनेजर बनने में कोई खासा दिलचस्पी नहीं है. इसके पीछे की वजह मैनेजमेंट जॉब में वर्क लाइफ बैलेंस का न होना और ज्यादा से ज्यादा जिम्मेदारी मिलना है.
सर्वे के मुताबिक Gen Z और मिलेनियल्स मैनेजमेंट जॉब को करने में कोई खास रुचि नहीं रखते हैं क्योंकि उनका मानना है कि मैनेजमेंट जॉब में जो टेंशन और जिम्मेदारी है, उसकी भरवाई ज्यादा सैलरी से नहीं हो सकती है.
Gen Z के लिए वर्क लाइफ बैलेंस जरूरी
Gen Z और मिलेनियल्स अपने पिछली पीढ़ियों की तुलना में वर्क लाइफ बैलेंस को ज्यादा महत्वपूर्ण मानते हैं. इन्हें ऑफिस में काम करना भी पसंद है और शाम को दोस्तों के साथ हैंगआउट करना भी. Gen Z अपनी हॉबी और न्यू स्किल्स को सीखना उतना ही जरूरी समझते हैं जितना ऑफिस का काम. इनके लिए मैनेजमेंट जॉब के साथ आने वाली चिंता और तनाव बहुत अधिक है जो सैलरी से कॉम्प्रोमाइज नहीं किया जा सकता.
मैनेजमेंट जॉब का मतलब लंबे समय तक काम करना
US-बेस्ड एम्प्लॉई पर किए गए एक सर्वें में पाया कि सिर्फ 38% एम्प्लॉई ही अपनी कंपनी में मैनेजर बनने की इच्छा रखते हैं. सर्वे में शामिल ज्यादातर लोगों का यही विश्वास था कि मैनेजमेंट जॉब में जाने का मतलब लंबे समय तक काम करना और ज्यादा से ज्यादा जिम्मेदारी लेना है. सर्वे में शामिल कुछ लोगों का कहना था कि वो अपनी करंट पोजीशन से खुश हैं और मैनेजमेंट जॉब से वो अपने पसंदीदा काम नहीं कर पाएंगे.
मैनेजमेंट जॉब नहीं करना चाहते लोग
आजकल मैनेजमेंट जॉब के प्रति युवाओं में कम क्रेज देखने को मिल रहा है. दरअसल टीम मैनेजर पर अपने टीम की सारी जिम्मेदारी होती है. ऐसे में टीम में कुछ भी गलत होने पर सबसे पहले उन्हें ही जिम्मेदार ठहराया जाता है. मैनेजमेंट का काम काफी जिम्मेदारी भरा होता है, इतनी जिम्मेदारियों के बावजूद जब कंपनी में उतार-चढ़ाव का समय आता है तो सबसे पहले मिडिल मैनेजर का ही ले-ऑफ किया जाता है. इसलिए Gen Z इस तरह की पोजिशन से खुद को दूर रखना ही पसंद करते हैं.