क्या आपने कभी जिनसेंग (Ginseng) का नाम सुना है. जिनसेंग दुनिया की सबसे महंगी जड़ी-बूटियों में से एक है. जिसका छोसा सा हिस्सा भी करीब 17,000 डॉलर में बिकता है. शरीर की ऊर्जा को बढ़ाने और ध्यान केंद्रित करने के मकसद से जिनसेंग का उपयोग हजारों सालों से दवा के रूप में किया जाता रहा है.
उगाने में लगते हैं कई साल
जिनसेंग का पहली बार इस्तेमाल 1500 के दशक में किया गया था. ऐसा माना जाता है कि इस जड़ी बूटी का पहली बार उपयोग ह्वांग जिनी ने किया था. वाइल्ड ओरिएंटल जिनसेंग सबसे दुर्लभ माना जाता है. यह आसानी से नहीं मिलता. इसे उगने में भी कई साल लग जाते हैं. कहा जाता है कि 221 ईसा पूर्व में सम्राट शोआंगते ने करीब 3,000 सिपाहियों को इसकी खोज में भेजा था. जिनसेंग का यह प्रकार इतना दुर्लभ है कि करीब 28 ग्राम वाइल्ड ओरिएंटल जिनसेंग की कीमत लगभग 13 लाख रुपये से भी ज्यादा है. जिनसेंग पाउडर बनाने में लगभग 6 साल लगते है. यह अधिकांश कोरिया और उत्तरी चीन में पाई जाती है. जिनसेंग में विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो कि सेहत और त्वचा के लिए लाभकारी है.
चलिए आपको बताते हैं क्यों इतनी मंहगी है जिनसेंग
अपने कई औषधीय गुणों और दुलर्भ जड़ी बूटी होने के कारण दुनियाभर में इसकी बहुत मांग है. इसकी जड़ों का इस्तेमाल आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाओं में भी किया जाता है.
इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने के साथ साथ आपकी मांसपेशियों का भी विकास होता है.
जिनसेंग में एंटी-कैंसर गुण पाए जाते हैं, जो कैंसर से बचाने का काम कर सकता है.
जिनसेंग में एंटी इन्फलेमेटरी के गुण पाए जाते है जो कि स्किन की सूजन और पफीनेस को कम करता है. क्योंकि जिनसेंग की पत्तियों और जड़ों में विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं.
बीपी कंट्रोल करने के लिए आप जिनसेंग की चाय का सेवन कर सकते हैं.
जिनसेंग के सेवन से शरीर में ऑक्सीजन का स्तर ठीक होता है. साथ ही यह ब्लड सर्कुलेशन को भी बेहतर करता है.
जिनसेंग का सेवन करने से बालों के गंजेपन की समस्या भी दूर हो जाती है.