आप और हम में से कई सारे लोगों ने अपना ज्यादातर समय कार की फ्रंट सीट पर बैठकर गुजारा होगा. लेकिन क्या आपने कभी ध्यान दिया कि कार की विंडशील्ड या विंडस्क्रीन पर छोटे-छोटे काले ब्लैक डॉट क्या होते हैं? शीशे पर इस तरह के डॉट्स और काले रंग की आउटलाइन सिर्फ डिजाइन के लिए बनाई जाती है या फिर इसका कोई उपयोग भी होता है? आइए जानते हैं.
इन छोटे काले घेरों को डॉट मैट्रिक्स या फ्रिंट्स कहा जाता है. ये कार की खूबसूरती के लिए ही नहीं बल्कि कई अन्य काम के लिए होते हैं. शुरू में ये गहरे रंग के और बड़े साइज के होते हैं. और नीचे की तरफ आते-आते इनका साइज छोटा और रंग हल्का होता जाता है, जिससे ये आपको नीचे की तरफ फेडेड होते दिखाई देंगे. आइए आपको इनके बारे में बताते हैं.
विंडशील्ड या विंडो ग्लास पर इस्तेमाल किए जाने वाले ये छोटे डॉट्स सिरेमिक मैटीरियल से बनाए जाते हैं. दरअसल जब कार चलती है तो विंडशील्ड से काफी तेज स्पीड में हवा टकराती है जिससे शीशा डिस्लोकेट हो सकता है. ऐसे में यही काले रंग के डॉट्स शीशे को एक जगह पर रहने में मदद करते हैं. अगर फ्रिट्स नहीं होंगे तो विंडशील्ड ढीली हो सकती है और फ्रेम से बाहर गिर सकती है.
दूसरा इन ब्लैक डॉट्स की वजह से कार का लुक भी बहुत बेहतरीन हो जाता है. ये डॉट्स तेज धूप होने पर काम के भीतर के तापमान को कम करने में मदद करते हैं. ये कांच और ग्लू (जिससे शीशा चिपका होता है) के बीच एक मजबूत ग्रिप का काम करते हैं. ये विंडशील्ड और विंडो ग्लास एक दूसरे से चिपके रहते हैं.
असल में सूरज की रोशनी की वजह से ग्लू के खराब होने की संभावना बनी रहती है. लेकिन ये तेज धूप में ग्लू को पिघलाने की आशंका को खत्म कर देता है. कंपनियां शीशे को चिपकाने के लिए एक काली गोंद का इस्तेमाल करती हैं जिसे Urethane कहा जाता है.
वहीं कांच को मनचाहे आकार में ढालने के लिए या मोड़ने के लिए गर्म किया जाता है. गर्म करने से कांच नए शेप में आ जाता है और फिट भी हो जाता है. ऐसे में बाहर का उच्च तापमान इसके लिए खतरनाक हो सकता है. ब्लैक डॉट्स इस गर्मी को सोखते हैं.
ये काले बिंदु या डॉट मैट्रिक्स बाहर की गर्मी को समान रूप से फैलाने में मदद करता है. ऐसा तब होता है जब विंडस्क्रीन का ग्लास ठोस ब्लैक फ्रिट बैंड की तुलना में काफी तेजी से गर्म हो जाता है.
वैसे आमतौर पर इन ब्लैक डॉट्स की एक उम्र बहुत होती है, लेकिन अगर ये धीमें-धीमे फेड हो रहे हैं तो आपको इन्हें ठीक करवाने या पूरी विंडशील्ड बदलवाने की जरूरत पड़ सकती है.