
क्या आप अपने घर में एक कमरे से दूसरे कमरे में जाते हैं, तो आपका मोहल्ला बदलता है क्या? जाहिर का जवाब होगा कि 'नहीं'. लेकिन कैसा लगेगा कि अगर आप ऐसा करते हैं, तो मोहल्ला क्या आपका देश और यहां तक कि आपकी नागरिकता तक बदल जाएगी. हो गए ना हैरान सुनकर. लेकिन सवाल उठेगा कि कैसे हो सकता है ऐसे? तो चलिए सीधे ले चलते हैं आपको उसी घर में.
कहां है यह अनोखा घर
दरअसल यह घर नागालैंड और म्यांमार के सागांग राज्य की सीमा पर स्थित है. अब सीमा पर स्थित होने के कारण इसका कुछ हिस्सा भारत में आ जाता है. तो कुछ हिस्सा दूसरी देश में चला जाता है. इस घर का बेडरूम भारत में है और किचन म्यांमार में है. यानी आपका खाना बनेगा म्यांमार में लेकिन शायद आप खाए उसे भारत में.
किसका का यह अनोखा घर
यह अनोखा घर इस गांव के मुखिया का है. साथ ही इस गांव के लोगों के पास म्यांमार और भारत दोनों जगह की नागरिकता है. साथ ही यह लोग भारत और म्यांमार दोनों जगह वोट डाल सकते हैं.
शिक्षा और रोजगार के मामले में भी अनोखा
म्यांमार और भारत की सीमा इस घर के बीच के होकर गुजरती है. जिसके एक तरफ भारत लिखा है तो दूसरी तरफ म्यांमार. बात करते हैं यहां के बच्चों की शिक्षा. यहां किसी एक देश की शिक्षा लेना जरूरी नहीं. जो भारत में पढ़ना चाहते हैं, वह इस पार आ जाएं. जो म्यांमार में पढ़ना चाहते हैं वह उस पास जा सकते हैं.
वहीं हाल रोजगार का भी है. जिसको जिस तरफ बेहतर और अच्छा रोजगार मिलता है वह उस तरफ जाकर रोजगार को अपना सकता है और अपना घर और परिवार चला सकता है.
क्यों मिली है दोहरी नागरिकता
दोहरी नागरिकता फ्री मूवमेंट रिजीम के तहत लोगों को मिली हुई है. क्योंकि यह गांव ही सीमा के ऊपर पड़ता है. ऐसे में इस गांव के लोगों को किसी भी पार जाने में दिक्कत ना हो. इसलिए उन्हें दोहरी नागरिकता की परमिशन दी गई है.