करीब 12 साल पहले एक महिला अपने घर से मायके जाने के लिए निकली. लेकिन, किसी वजह से वह मायके नहीं पहुंच पाई. पता नहीं कहां-कहां भटकती रही है. बच्चों ने खूब ढूंढा लेकिन कहीं नहीं मिली. एक दिन सड़क के किनारे वह पड़ी थी और तभी पुलिस की नजर उस महिला पड़ी. पुलिस ने छानबीन की और पूरी कोशिश के बाद महिला के घर का पता ढूंढ निकाला. बच्चों को यह जानकारी दी गई कि उनकी मां पुलिस स्टेशन में है. बच्चे पहुंचे तो मां को देख दो पल के लिए ठहर गए. दोनों तरफ खुशी के आंसू थे. आखिरकार मां जो मिल गई थी. ऐसा लगा जैसे दुआएं कबूल हो गई हो.
पुलिस को कुछ नहीं बता पा रही थी महिला
पुलिस की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक 31 जनवरी को नेताजी पुलिस स्टेशन में यह सूचना मिली कि रामगढ़ कॉलोनी के सामने एक महिला सड़क के किनारे पड़ी हुई है. पुलिस तुरंत वहां पहुंची और महिला को उठाकर थाना लाई. महिला का तुरंत मेडिकल चेकअप कराया गया. इसके बाद उसे खाना और कपड़े दिए गए. वह कुछ नहीं बता पा रही थी और ऐसा लग रहा था कि वह मानसिक रूप से बीमार है.
12 पहले मायके जाने के लिए घर से निकली थी महिला
कोलकाता पुलिस की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक महिला के घरवालों के बारे में जानकारी जुटाई गई. यह पता चला कि महिला नॉर्थ-25 परगना के गायघाट इलाके की रहने वाली है. इसके बाद नजदीकी पुलिस स्टेशन से संपर्क किया गया और वहां से महिला अन्नपूर्णा पाल के बेटे का नंबर मिला. ये जानकारी मिली कि महिला 12 साल पहले मायके जाने के लिए घर से निकली थी लेकिन वहां नहीं पहुंच पाई. महिला भटकती रही और किसी को इस बारे में कुछ पता नहीं चला. बच्चों ने बहुत खोजने की कोशिश की लेकिन मां के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी.
महिला के बेटे दीपांकर पाल ने बताया कि उन लोगों ने मां को बहुत खोजा. मां नहीं मिली तो नॉर्थ-24 परगना थाने में रिपोर्ट लिखाई. 2010 में ही महिला घर से मायके के लिए निकली थी. परिवार वालों की तरफ से यह जानकारी दी गई कि महिला मानसिक रूप से अस्वस्थ है. इसी वजह से वह भटक गई थी और उसके बारे में कुछ पता नहीं चल पा रहा था.
सूर्याग्नि राय की रिपोर्ट