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अनामिका बनी वूमन इंस्पिरेशन की मिसाल , 21 साल की उम्र में छू लिया आसमान

यूपी के प्रयागराज से अपनी शुरूआती पढ़ाई के बाद अनामिका ने बेंगलुरु से बीटेक की डिग्री हासिल की. अनामिका अपने पिता को अपना कोच मानती है और अपनी कामयाबी की वजह भी अपने पिता को ही बताती हैं.

अनामिका शर्मा अनामिका शर्मा
हाइलाइट्स
  • अनामिका शर्मा ने महज 11 साल की उम्र में 10,000 फीट की ऊंचाई से छलांग लगाई थी

  • आज अनामिका के नाम ऐसी 42 छलांगे हैं.  

आज इंटरनेशनल वूमन डे है. संगम शहर की अनामिका शर्मा वूमन इंस्पिरेशन की मिसाल हैं. अनामिका को महज 21 साल की उम्र में स्काई-डाइविंग का लाइसेंस मिल गया है और इसी के साथ अनामिका सबसे कम उम्र में स्काई-डाइविंग का लाइसेंस हासिल करने वाली भारतीय महिला बन गई हैं. बता दें कि अनामिका शर्मा ने महज 11 साल की उम्र में 10,000 फीट की ऊंचाई से छलांग लगाई थी और आज अनामिका के नाम ऐसी 42 छलांगे हैं.  

हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक अनामिका  कहती हैं कि 'जब आप हवा में होते हैं तो आपको आजादी का एहसास होता है, और इस आजादी को महसूस करने के बाद जब आप जमीन छू लेते हैं तो कुछ कर के वापस आ जाने का एहसास होता है. जो अपने आप में खास है. 

बता दें कि अनामिका के पिता भी, भारतीय वायु सेना के एक प्रशिक्षित कमांडो हैं, और आज उनकी बेटी भी पेशेवर स्काई-डाइवर्स के रूप में देश का नाम रौशन कर रही है. ये भी दिलचस्प  है कि हमारे देश में पिता और बेटी की ये इकलौती जोड़ी है.

यूपी के प्रयागराज से अपनी शुरूआती पढ़ाई के बाद अनामिका ने बेंगलुरु से बीटेक की डिग्री हासिल की. अनामिका अपने पिता को अपना कोच मानती है और अपनी कामयाबी की वजह भी अपने पिता को ही बताती हैं. 

शुरूआत में अनामिका की मां ने कुछ विरोध जरूर किया था, लेकिन बाद में अनामिका की मां ने बेटी के जज्बे को देख कर उन्हें रोकना सही नहीं समझा. अनामिका कहती हैं कि आज देश की पाँचवीं महिला पेशेवर स्काई-डाइवर होने पर बहुत गर्व महसूस हो रहा है. 


अनामिका कहती हैं कि आज कल हर तरफ महिला सशक्तिकरण  की बात हो रही है. लड़कियां हर फिल्ड में कामयाबी भी हासिल कर रही हैं. वहीं स्काई-डाइवर के क्षेत्र में आज कई नए आयाम हैं और इस फिल्ड में कामयाब होने की बेहतर गुंजाइश भी है. 

बता दें कि अनामिका को उनके पिता के अलावा संतोष नागराज ने भी ट्रेनिंग दी है. संतोष नागराज अनामिका के पिता के दोस्त हैं.  संतोष नागराज  के पास स्काई -डाइवर के क्षेत्र में श्रेणी डी यूएसपीए (यूनाइटेड स्टेट्स पैराशूट एसोसिएशन) लाइसेंस है. फिल्हाल अनामिका अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए तैयारी कर रही हैं. बता दें कि आज तक स्काई डाइविंग में किसी भारतीय ने हिस्सा नहीं लिया है. 

अनामिका कहती हैं कि , "सरकार जल्द ही राष्ट्रीय हवाई खेल नीति लाएगी, जो खेल के इस चुनौतीपूर्ण क्षेत्र को  बढ़ावा देगा. इससे  हमारे देश की बेटियां विदेशियों को कड़ी टक्कर देगी.