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WFH vs WFO: वर्क फ्रॉम होम या फिर ऑफिस… एम्प्लाइज कब होते हैं सबसे ज्यादा प्रोडक्टिव, जानें क्या आया रिसर्च में सामने  

WFH vs WFO debate: लॉकडाउन के बाद से ही दुनियाभर में वर्क फ्रॉम होम कल्चर को बढ़ावा दिया जा रहा है. हालांकि, इसको लेकर लगातार डिबेट चल रही है कि घर से काम करने ज्यादा बेहतर है या फिर ऑफिस से. 

Wfo or Wfh Wfo or Wfh
हाइलाइट्स
  • ऑफिस में काम करना है ज्यादा प्रोडक्टिव 

  • लगातार इसपर चल रही है बहस 

काम करना घर से ज्यादा प्रोडक्टिव होता है या ऑफिस से इसका जवाब अब मिल गया है. एमआईटी और यूसीएलए के अर्थशास्त्रियों ने इसपर स्टडी की है. इस स्टडी में सामने आया है कि घर से काम करने वाले कर्मचारी ऑफिस से काम करने वालों की तुलना में कम प्रोडक्टिव होते हैं. दरअसल, कोविड-19 में लगे लॉकडाउन के बाद से ही दुनियाभर में वर्क फ्रॉम होम कल्चर को बढ़ावा दिया जा रहा है. हालांकि, इसको लेकर लगातार डिबेट चल रही है कि घर से काम करने ज्यादा बेहतर है या फिर ऑफिस से. 

ऑफिस में काम करना है ज्यादा प्रोडक्टिव 

ये स्टडी भारत में डेटा एंट्री वर्कर्स पर फोकस करके किया गया है. कर्मचारियों को घर या ऑफिस से काम करने के लिए दिया गया था. हैरानी की बात यह है कि रिमोट तरीके के काम करने वाले कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी में गिरावट दर्ज की गई. यह गिरावट पहले ही दिन से दर्ज होने लगी थी. हालांकि, समय के साथ लोगों ने इसके साथ काम करना सीख लिया. जबकि ऑफिस में कर्मचारी रिमोट स्थानों से काम करने की तुलना में ज्यादा प्रोडक्टिव नजर आए. 

इससे भी ज्यादा आश्चर्य की बात यह थी कि दूर-दराज के कर्मचारी जो वर्क फ्रॉम होम करना पसंद करते थे, वे उन लोगों की तुलना में कम प्रोडक्टिव थे जो ऑफिस में रहना पसंद करते थे.

लगातार इसपर चल रही है बहस 

दरअसल, जब से महामारी आई है तब से रिमोट वर्क को लेकर बहस तेज हो गई है. जेपी मॉर्गन चेज के जेमी डिमन जैसे सीईओ का तर्क है कि रिमोट वर्क में एम्प्लॉई काम नहीं करते हैं. जबकि एयरबीएनबी के ब्रायन चेस्की जैसे अन्य सीईओ लचीलेपन की वकालत करते हैं. हालांकि, ये स्टडी में विचार का समर्थन किया गया है कि रिमोट वर्क इन-पर्सन या हाइब्रिड वर्क सिस्टम की तुलना में कम प्रोडक्टिव हो सकता है. 

ऑन-साइट और रिमोट वर्क को लेकर क्या कहा गया है?

प्रोडक्टिविटी रिसर्च की एक चुनौती यह है कि नए काम पर रखे गए वर्कर्स के लिए परिणाम उन कर्मचारियों की तुलना में अलग हो सकते हैं जो साइट पर समय बिताने के बाद डिस्टन्स वर्क में ट्रासंफर होते हैं. हाइब्रिड वर्क मॉडल को अपनाने की कोशिश कर रहे मैनेजर्स के लिए इसपर विचार करना बहुत जरूरी है. ये कल्चर लगातार अमेरिका जैसे बड़े देशों में लोकप्रिय हो रहा है. 

मैकिन्से एंड कंपनी के एनालिसिस में पाया गया कि लगभग 50% समय साइट पर बिताना हाइब्रिड वर्क पर शिफ्ट करना थोड़ा कम रिस्क भरा होता है. अगर परफॉरमेंस ठीक है तो कंपनी फ्लेक्सिबल हो सकती है.