कहते हैं सीखने की कोई उम्र नहीं होती. गाजियाबाद से आई एक अनूठी तस्वीर इसी बात की बानगी पेश कर रही है. जहां पढ़ाई-लिखाई करने वाली 10वीं-12वीं की छात्राएं. ऐसी बुजुर्ग महिलाओं को पढ़ा रही है, जो शिक्षा से वंचित रही हैं. जिन्हें अब खुद के लिए पढ़ाई-लिखाई करने का मौका मिला है, ताकि वो भी दूसरी महिलाओं की तरह आत्मनिर्भरता की मिसाल बन सकें. यूनिसेफ के साथ मिलकर इस नेक पहल की शुरुआत पहले शिक्षा से वंचित बच्चों के लिए हुई लेकिन फिर इस अभियान से बुजुर्ग महिलाओं को भी जोड़ दिया गया, ताकि समाज में ये महिलाएं सिर ऊंचा करके आत्मनिर्भता की मिसाल पेश कर सकें.
There is a school for the elderly in this narrow street of Ghaziabad, where fees are not charged for education. All these are women who did not get the chance to go to school in their childhood.