बुधवार शाम छठ व्रतियों ने डूबते हुए भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया और पूरे परिवार की खुशहाली की कामना की. सभी छठ घाटों पर कुछ इसी तरह का नजारा था. मंगलवार शाम खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रतियों के 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हुआ.
इससे पहले दोपहर से ही घाट सजने लगे थे. भीड़ को देखते हुए लोग अपने घरों से निकले. घाटों तक जाने वाले रास्तों की सफाई की गई थी. कई व्रतियां शाष्टांग करते हुए छठ घाटों पर पहुंचीं. शाम होते ही व्रतियां नदियों में खड़ी हुई और भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया.
हजारों की संख्या में श्रद्धालु छठ घाट पर पहुंचे. जिन रास्तों से छठव्रती शाष्टांग करते हुए घाटों पर पहुंची उसके आगे आगे चलने वाले लोग रास्ते की सफाई कर रहे थे.
छठ को लेकर बुधवार सुबह फल दुकानों पर भारी भीड़ दिखी. छठ महापर्व पर नारियल, केला और काफी महत्व है. इसमें केले का पूरा थंब चढ़ाया जाता है
पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया और राज्यवासियों की खुशहाली की कामना की. इससे पहले सीएम लगातार छठ घाटों पर निरीक्षण करते रहे. सीएम ने सभी छठ घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के निर्देश दिए हैं. मंगलवार को नीतीश कुमार ने खरना का प्रसाद भी ग्रहण किया.
जो सुहागिन महिलाएं छठ व्रत को करती हैं उन्हें अर्घ्य देने के बाद सिंदूर लगाया जाता है. पहले सूप पर दीया जलाया जाता है और सूप लेकर व्रतियां परिक्रमा करती हैं. इसके बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. अगला सूप देने से पहले व्रतियों को सिंदूर लगाया जाता है.
जितने भी पर्व त्योहार हैं उसमें सिर्फ छठ ही एक ऐसा पर्व है जिसमें उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. किसी भी पर्व में डूबते सूर्य की पूजा नहीं की जाती है. डूबते सूर्य की पूजा के बाद उदीयमान सूर्य की पूजा के साथ ही यह पर्व संपन्न होता है. डूबते सूर्य की पूजा से लेकर उगते सूर्य की पूजा करने की वजह से इस पर्व को महापर्व कहा जाता है.
बिहार, उत्तर प्रदेश समेत देश भर में जहां भी छठ मनाया जा रहा है वहां घाटों पर भगवान भास्कर की पूजा के लिए आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है. हजारों लोग छठ घाट पर पहुंचे और डूबते सूर्य की पूजा-अर्चना की.
ये गंगा किनारे हो रहे छठ पूजा की तस्वीर है. पूजा के दौरान लोग गहरे पानी में न चले जाएं, इसके लिए बैरिकेडिंग की गई है. हर जगह एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम तैनात की गई है.
ये तस्वीर दिल्ली में हो रहे छठ पूजा की है. यहां भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु यमुना नदी के किनारे बने घाटों पर पहुंचे और डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया. ऐसी मान्यता है कि भगवान सूर्य की आराधना से सारे रोग खत्म हो जाते हैं और बहुत ऊर्जा मिलती है.
कई जगहों पर जहां लोग नदी में सूर्य को अर्घ्य देने नहीं जा पाते, आसपास कहीं गड्ढा बनाकर भगवान सूर्य की उपासना करते हैं. गढ़े में पानी भरा जाता है और लोग आसपास की जगहों को सजा देते हैं.
छठ के मौके पर हर जगह कुछ इसी तरह का नजारा दिखा. पूजा के दौरान छोटे बच्चे गहरे पानी में न चले जाएं और घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता रहे, इसको लेकर कई जगहों पर सीसीटीवी लगाए गए हैं. हर जगह पुलिस की भी तैनाती की गई है.