वैदिक पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ महापर्व मनाया जाता है. छठ का पहला अर्घ्य षष्ठी तिथि को दिया जाता है. यह अर्घ्य अस्ताचलगामी सूर्य को दिया जाता है. इस बार 19 नवंबर को डूबते भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया गया. पटना में छठ पूजा करते श्रद्धालु.
सनातन धर्म में छठ पूजा का खास महत्व है. छठ पूजा के तीसरे दिन को संध्या अर्घ्य के रूप में मनाया जाता है. यह छठ पूजा का सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है. मध्य प्रदेश के जबलपुर में डूबते भगवान भास्कर को अर्घ्य देते व्रती.
इस साल डूबते भास्कर को अर्घ्य 19 नवंबर 2023 को दिया गया. व्रतियों ने घाटों पर जाकर भगवान सूर्य और छठी मैया की पूजा-अर्चना की. असम के नागांव जिले में डूबते भगवान भास्कर को अर्घ्य देतीं व्रती.
छठ पूजा के दिन व्रती के साथ घर के अन्य लोग भी सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं. असम के नागांव जिले में पूजा करते श्रद्धालु.
सूर्यास्त से थोड़ी देर पहले लोग अपने पूरे परिवार के साथ नदी या तालाब के किनारे छठ घाट पर जाते हैं. छठ घाट की तरफ जाते हुए रास्ते में महिलाएं गीत भी गाती हैं. इसके बाद व्रती महिलाएं सूर्य देव की ओर मुख करके डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर पांच बार परिक्रमा करती हैं. अर्घ्य देते समय सूर्य देव को दूध और जल चढ़ाया जाता है. जम्मू में भगवान सूर्य की पूजा करतीं व्रती.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सायंकाल में भगवान सूर्य अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं. इसलिए छठ पूजा में शाम के समय सूर्य की अंतिम किरण प्रत्यूषा को अर्घ्य देकर उनकी उपासना की जाती है. नई दिल्ली में भगवान भास्कर को अर्घ्य देते व्रती.
ज्योतिषियों का कहना है कि ढलते सूर्य को अर्घ्य देकर कई मुसीबतों से छुटकारा पाया जा सकता है. इसके अलावा सेहत से जुड़ी भी कई समस्याएं दूर होती हैं. लम्बी आयु का वरदान मिलता है. साथ ही जीवन में आर्थिक संपन्नता भी आती है. रांची में भगवान भास्कर की पूजा करते श्रद्धालु.
छठ महापर्व के दौरान भगवान सूर्य को अर्घ्य देने से शनि की बुरी दृष्टि का प्रभाव कम होता है. मान-सम्मान में वृद्धि होती है. पटना स्थित गंगा घाट पर पूजा-अर्चना करते श्रद्धालु.
छठ महापर्व पर असम के गुवाहाटी शहर में रविवार को अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए जुटे व्रती.