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धर्म

Navratri 2022: पश्चिम बंगाल के दुर्गा पंडाल में लगाई गई दुर्गा जी की सिलिकॉन की मूर्ति...सेक्स वर्कर्स के जीवन को दर्शाता है उनका रूप

Durga Pandal
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दुर्गा पूजा सांस्कृतिक मतभेदों को पाटने और त्योहार को धूमधाम और भव्यता के साथ मनाने का त्योहार है. उसी को चिह्नित करने के लिए पश्चिम बंगाल की बड़ानगर नवपारा दादाभाई संघ दुर्गा पूजा समिति ने एक विषय प्रस्तुत किया है जो सेक्स वर्कर के जीवन को चित्रित करता है.

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वैसे तो इस विषय को पहले भी शामिल किया जा चुका है लेकिन नई बात यह है कि दुर्गा की मूर्ति है, जो सिलिकॉन से बनी है.

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पहली बार, मूर्ति को सिलिकॉन से तराशा गया है जिसमें एक मां को एक बच्चे को दुलारते हुए दर्शाया गया है. देवी के अन्य बच्चे गणेश, सरस्वती और लक्ष्मी उनके बगल में खड़े हैं. ये सभी देखने में काफी सरल और मनमोहक लग रहे हैं. दुर्गा की मूर्ति एक सेक्स वर्कर के जीवन को उसके पेशे के अलावा, एक मां के रूप दिखाई गई है.
 

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दुर्गा पूजा आयोजकों ने कहा कि इस वर्ष के लिए उनका विषय 'परिचय' (पहचान) या अधिक विशेष रूप से "पहचान के लिए लड़ाई" है. बड़ानगर नवपारा दादाभाई संघ दुर्गा पूजा समिति के मुख्य आयोजक अंजन पाल ने कहा, ''जहां एक समाज में सेक्स वर्कर्स को नीचा दिखाया जाता है. हम कुछ अलग करना चाहते थे. 

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पिछले छह महीनों से, हम कुछ अलग बनाना चाहते थे. जब हम सिलिकॉन मूर्ति के विचार के साथ आए, तो हम एक ऐसा विषय चाहते थे जो एक सामाजिक कारण रखे." मूर्ति का कंसेप्ट संदीप मुखर्जी द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है.

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पाल ने कहा, "थीम के पीछे सेक्सवर्कर्स का वंचित जीवन है. भले ही भारतीय दंड संहिता उन्हें कई अधिकार प्रदान करती है लेकिन समाज उनका उपहास करता है." थीम का उद्देश्य समाज में सेक्सवर्कर्स के प्रति जागरूकता फैलाना और ये दिखाना है कि वो भी इस समाज का हिस्सा हैं. 

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सोमवार को पंडाल का उद्घाटन अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने किया, जो लोकसभा सांसद भी हैं. क्लब से जुड़े सूत्रों ने खुलासा किया कि पश्चिम बंगाल की पहली सिलिकॉन मूर्ति को लगाने का बजट लगभग 30 लाख रुपये है.