अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है. राम मंदिर के भूतल के निर्माण कार्य की प्रगति की हाल ही में निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा सहित सहित राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्यों ने समीक्षा की थी. इसमें मेसर्स लार्सन एंड टूरबो, मेसर्स टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स और राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की इंजीनियरिंग टीमों ने भी भाग लिया. मंदिर के भूतल निर्माण का काम अंतिम चरण में प्रवेश कर गया है. इस काम को अक्टूबर, 2023 तक पूरा करने के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण का काम तेज गति से जारी है.
तीन मंजिला मंदिर पर बंसी पहाड़पुर राजस्थान का पत्थर लगाया जा रहा है. गर्भगृह के अलावा मंदिर में पांच मंडप गुड मंडप, रंग मंडप, नृत्य मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप हैं. पांच मंडपों के गुंबद का आकार 34 फुट चौड़ा और 32 फुट लंबा और आंगन से ऊंचाई 69 फुट से 111 फुट तक है. मंदिर की लंबाई 380 फुट, चौड़ाई 250 फुट और और यह प्रांगण से 161 फुट ऊंचा है.
गर्भगृह का द्वार सोने से अलंकृत होगा. पूरे गर्भगृह को मकराना के संगमरमर के खंभों, बीम, छत और दीवार के आवरण के साथ सौंदर्य से उकेरा गया है. मंदिर निर्माण में सामग्री की क्वालटी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. मंदिर का कुल क्षेत्रफल 8.64 एकड़ है.
परकोटा 762 मीटर लंबा है, जिसमें छह मंदिरों और भक्तों के लिए परिक्रमा की सुविधा है. परकोटा के चारों कोनों पर भगवान शिव, माता पार्वती, गणपति और भगवान सूर्य का मंदिर बन रहा है. दक्षिण मध्य में हनुमान जी और उत्तर मध्य में देवी अन्नपूर्णा का मंदिर बनाया जा रहा है. यहीं पर सीता रसोई का भी निर्माण होगा. इस प्रकोपों में लिफ्ट का भी प्रावधान किया गया है.
(अनिल कुमार की रिपोर्ट)