सूर्य उपासना के पर्व मकर संक्रांति इस बार दो दिन मानी जा रही है . ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पौष मास में जब सूर्यदेव जब धनु राशि से मकर राशि पर पहुंचते हैं तो मकर संक्रांति मनाई जाती है. सूर्य के धनु राशि से मकर राशि पर जाने का महत्व इसलिए अधिक है क्योंकि इस समय सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण हो जाता है. उत्तरायण देवताओं का दिन माना जाता है.
मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त में स्नान और दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है. इस दिन तिल खिचड़ी गुड़ का दान किया जाता है.
प्रयागराज के संगम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है. कडाके की सर्दी के बाद भी आस्था का सैलाब संगम की तरफ त्रिवेणी के पावन जल में डुबकी लगाने के लिए अपने को रोक नहीं पा रहा है.
आज कोहरा नहीं है लेकिन सर्द हवाएं चल रही है फिर भी ठंड और शीतलहर श्रद्धालुओं की आस्था पर कोई असर नहीं डाल पा रही है.
प्रशासन का दावा है इन 2 दिनों में करीब 50 लाख श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे.
प्रयागराज संगम में स्नान करने के लिए श्रद्धालु सुबह से ही पहुंच रहे हैं.
लोगों ने संगम में स्नान कर पूजा-अर्चना किया. इसके साथ ही उन्होंने मकर संक्रांति के मौके पर दान भी किया.