बाबा बैद्यनाथ धाम भारत के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है. झारखंड में गेवघर में स्थित इस मंदिर में सावन महीने के दौरान एक बहुत प्रसिद्ध मेला आयोजित किया जाता है. जिसे श्रवण मेला कहा जाता है. जिसमें हजारों भक्त पवित्र मंदिर में आते हैं. लाखों श्रद्धालु नंगे पांव चलते हैं और भोले बाबा को गंगा जल चढ़ाकर प्रसादी पाते हैं. (Photo: Instagram)
महाराष्ट्र में बसे त्र्यंबकेश्वर मंदिर की शानदार बात यह है कि यहां भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु और भगवान रुद्र विराजते हैं. श्रावण के महीने के दौरान, मंदिर को परिसर में त्योहार मनाया जाता है. जिसमें शामिल होने लाखों लोग आते हैं. नाग पंचमी और नारली पूनम के दौरान भोले बाबा को विशेष आभूषणों से सजाया जाता है. (Photo: Wikipedia)
गुजरात में बसा सोमनाथ मंदिर भगवान शिव के प्रमुख धामों में से एक है. इस मंदिर की बहुत महिमा मानी जाती है और श्रावण मास में मंदिर सुबह 4 बजे खुलता है और रात 10 बजे तक खुला रहता है. महान सोमनाथ महोत्सव को देखने के लिए पूरे भारत से भक्त मंदिर में आते हैं. (Photo: Wikipedia)
काशी विश्वनाथ मंदिर, उत्तर प्रदेश में वाराणसी में गंगा नदी के तट पर स्थित है. यह मंदिर ब्रह्मांड के शासक विश्वनाथ को समर्पित है. काशी विश्वनाथ मंदिर 3500 वर्षों के प्रलेखित इतिहास के साथ सबसे पुराने मंदिरों में से एक है. श्रावण में पवित्र शहर वाराणसी में एक भव्य उत्सव मनाया जाता है. श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को भोलेबाबा को विभिन्न आभूषणों से सजाया जाता है.
उड़ीसा में भुवनेश्वर में स्थित लिंगराज मंदिर सबसे बड़ा मंदिर है. इस मंदिर में भगवान शिव के नाम पर समर्पित सबसे महान समारोहों में से एक का आयोजन होता है. समारोह के दौरान, तीर्थयात्री एक साथ इकट्ठा होते हैं और महानदी से मंदिर तक पानी ले जाते हैं. (Photo: Odisha Tourism)