scorecardresearch

19 साल बाद बन रहा है खास योग, साल 2023 में होंगे दो सावन, देर से आएंगे व्रत-त्योहार, जानें महत्व

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, साल 2023 में सावन का महीना 30 की बजाय 60 दिन का होगा और भक्तों को भगवान शिव के साथ नारायण की पूजा करने का अवसर मिलेगा.

Lord Shiva (Photo: Unsplash) Lord Shiva (Photo: Unsplash)
हाइलाइट्स
  • अधिकमास होने के कारण सभी व्रत-त्योहार देर से आएंगे

  • चातुर्मास 4 की बजाय 5 महीने का होगा

साल 2023 बहुत ही खास रहने वाला है. क्योंकि अगले साल में हिंदू पंचाग के अनुसार 12 नहीं बल्कि 13 महीने होंगे. आपको यह जानकर हैरानी होगी लेकिन 19 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है जब साल में अधिकमास होगा. इस अधिकमास के कारण सावन एक नहीं बल्कि 2 महीने का होगा. 

अधिकमास होने के कारण सभी व्रत-त्योहार देर से आएंगे और चातुर्मास 4 की बजाय 5 महीने का होगा. ज्योतिषियों के अनुसार इस बार 18 जुलाई से 16 अगस्त तक अधिकमास रहेगा जिसे मलमास या पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं. इस मास में पूजा-अर्चना करने से हरि भगवान के साथ ही भोलेनाथ की भी कृपा मिलती है. 

कब से कब तक होगा अधिकमास 
पंचाग के मुताबिक, साल 2023 में अधिक मास 18 जुलाई 2023 से शुरू होगा और इसका 16 अगस्त 2023 को होगा. कृष्ण पक्ष का सावन 4 जुलाई से 17 जुलाई तक रहेगा. इसके बाद 18 जुलाई से दूसरा सावन यानी अधिक मास शुरू हो जाएगा और यह 16 अगस्त तक रहेगा. 

साल 2023 में कुल सावन सोमवार आठ होंगे. आठ सोमवार, 10 जुलाई, 17 जुलाई, 24 जुलाई, 31 जुलाई, 7 अगस्त, 14 अगस्त, 21 अगस्त, और 28 अगस्त को होंगे. 17 जुलाई को सोमवती अमावस्या पड़ेगी. आपको बता दें कि 32 महीनों और 16 दिन बाद मलमास आता है. और इस महीने के स्वामी नारायण हैं. 

पूरी होगी मनोकामना 
इस बार दो सावन होने से भक्तों के पास ज्यादा समय होगा भोलेनाथ को प्रसन्न करने का. क्योंकि सावन और सोमवार, दोनों ही भोलेनाथ को प्रिय हैं. इसलिए इस बार सावन में भोलेबाबा और मां पार्वती की सच्चे मन से आराधना करें. साथ ही, अधिकमास में भगवान विष्णु की पूजा का महत्व होता है. 

साल 2023 में भक्तों के पास हरि और शिवजी, दोनों का खुश करने का मौका है इसलिए नियम से सभी पूजा-पाठ करें. हरि के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करें और इससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी. इस महीने में दान-पुण्य, पूजा-पाठ, व्रत-उपवास, विष्णु मंत्रों का जाप आदि करना चाहिए.