शारदीय नवरात्रि में हर तरफ मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जा रही है. मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. इसी तरह राजस्थान स्थित धौलपुर जिला कारागार में भी भक्ति और आस्था का माहौल है. जी हां, यहा जेल में बंद 66 कैदियों ने अपराध से छुटकारा पाने के लिए नौ दिनों का उपवास रखा है. जेल प्रशासन ने व्रत के अनुसार इन कैदियों के खाने-पीने की व्यवस्थाएं भी की है. कैदी सुबह-शाम मातारानी के भजन कीर्तन कर रहे हैं.
दूध, जूस और फल की कराई गई है व्यवस्था
जेल अधीक्षक रामअवतार शर्मा ने बताया कि जेल में 323 बंदी हैं. इनमे में पांच महिला बंदी भी शामिल हैं. दो महिला समेत 66 बंदियों ने मातारानी का 9 दिन का व्रत रखा है. व्रत रख रहे कैदियों को उसी के मुताबिक खान-पान की व्यवस्था की गई है. दूध, जूस और फलों की व्यवस्था कराई गई है. दिन में तीन टाइम चाय भी उपलब्ध कराई जा रही है.
जेल प्रांगण में घट की स्थापना
जेल अधीक्षक ने बताया कि सुबह और शाम चिकित्सकों की टीम की ओर से व्रत रख रहे बंदियों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जा रहा है. जेल प्रशासन की ओर से बंदियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. जेल प्रांगण में ही मातारानी की घट स्थापना की गई है. व्रत रख रहे बंदी मातारानी से अपने अपराधों की क्षमा मांग रहे हैं.
आम आदमी की तरह जीना चाह रहे
धौलपुर कारागार में मां के भजन बंदी गा रहे हैं. इनके नाम से कभी लोग भयभीत हो जाते थे लेकिन आज ये बंदी अपने सभी अपराधों की क्षमा मांगते हुए मां की आराधना मे लीन है. हत्या, लूट, डकैती, अपहरण, रेप जैसे संगीन मामलो मे सजा काट रहे बंदी मां दुर्गा के पूरे 9 दिनो तक उपवास कर रहे हैं. चम्बल नदी के कई बदमाश भी मां के उपवास कर अपनी गलतियों पर पछतावा कर रहे हैं. अब ये बदमाश अपनी सजा पूरी होने के बाद आम आदमी की तरह अपने बच्चों और परिवार के साथ जीना चाह रहे हैं.
मातारानी से माफ करने की कर रहे प्रार्थना
पूजा-अर्चना के सामान की व्यवस्था भी जेल प्रशासन की ओर से कराई गई है. आरती में जेल स्टाफ भी शामिल होते हैं. मातारानी की आस्था में डूबे बंदी यहां अखंड ज्योति के सामने और बैरक के पास बने माता के मंदिर पर सुबह-शाम आरती के साथ भजन-कीर्तन कर रहे हैं. बंदियों ने बताया कि मातारानी की आराधना से उनकी जिंदगी बदल जाए और जो अपराध उनसे हो गए हैं, उन्हें मातारानी माफ कर दें. यही प्रार्थना कर रहे हैं. मां की आराधना में लीन बंदियों की आंखों में पश्चाताप के आंसू साफ झलक रहे हैं.
सुबह पांच बजे उठ जाते हैं व्रत करने वाले बंदी
व्रत रह रहे बंदी सुबह पांच बजे उठकर नित्यकर्म और स्नान के बाद सुबह 9 बजे आरती, पाठ और भजन करते हैं और इसके बाद शाम की पूजा के बाद बंदी बैरक में भजन गाकर भक्ति के साथ सो जाते हैं. मातारानी के व्रत रख रहे जेल में बंद बंदियों ने अपराध की दुनिया से तौबा करने का प्रण लिया है. इस जेल में डकैत केशव गुर्जर, डकैत पप्पू गुजर, डकैत रामविलास, गब्बर, यदुवीर, रामदीन गुर्जर, विष्णु गुर्जर समेत 323 बंदी सजा काट रहे हैं. हार्डकोर अपराधी और डकैत मातारानी का 9 दिन का व्रत रख कर उनसे जाने अनजाने में हुई गलतियों की माफी मांग रहे हैं. अब देखने वाली बात है कि न्याय के मंदिर से इनकी प्रार्थना कब तक पूरी होती है.
मातारानी सुनेंगी हमारी फरियाद
पूर्व डकैत केशव गुर्जर ने बताया कि हमलोग मातारानी का भजन करते हैं और अपने पापों का उद्दार करना चाहते हैं. इसलिए सभी मातारानी की सेवा कर रहे हैं. जेल में मुझे डकैती के आरोप में बंद किया गया है. बंदी रामदीन गुर्जर ने बताया कि आपसी झगड़े में दूसरे पक्ष में खुद अपने पैरों पर गोली मार ली और आरोप मुझ पर लगा दिया. इस वजह से मुझे जेल हो गई. मातारानी का व्रत रखा हूं.
मातारानी से अपनी गलतियों को मानते हुए मुझे पछतावा है और क्षमा प्रार्थना कर रहा हूं. बंदी रामलखन ने बताया कि नवरात्रि में कलश स्थापना के साथ माता का व्रत रखा है. हम लोग अपने पापों की मुक्ति के लिए मां दुर्गा की भक्ति कर रहे हैं. जेल प्रशासन की तरफ से व्रत के अनुसार सभी सुविधाएं दी गई हैं. पूर्व डकैत विष्णु गुर्जर ने बताया कि मातारानी का व्रत रखा है, जो गलती हुई है उसे मातारानी से क्षमा मांग कर अपने पापों का प्रायश्चित कर रहे हैं. आगे इस तरह की गलती न हो, इसके लिए मातारानी से प्रार्थना कर रहे हैं. बंदी भगवान सिंह ने बताया कि अपनी गलतियों की माफी के लिए मातारानी की सेवा कर रहा हूं.
(उमेश मिश्रा की रिपोर्ट)