नोएडा के सेक्टर-78 में एक ऐसा पार्क तैयार किया जा रहा है जहां भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग माने जाने वाले वेदों को आधार बनाया गया है. नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर 78 में 12-एकड़ के क्षेत्र में वेद वन को लगभग तैयार कर दिया है. जल्द इसका उद्घाटन होने वाला है. यहां पर सभी चार वेदों के आधार पर अलग-अलग जोन बनाए गए हैं, जैसे यजुर्वेद के लिए एक अलग जोन होगा, अथर्ववेद के लिए एक अलग जोन होगा.
सभी को मिलेगी वेद की जानकारी
वेद के नाम पर बनाए गए जोन में उस वेद के बारे में सारी जानकारी दी जाएगी. इतना ही नहीं उस जोन में वेदों के हिसाब उनमे जिन जड़ी बूटियों या औषधि का जिक्र है उन पेड़-पौधों और औषधि को भी यहां पर लगाया जा रहा है. इस पार्क में सप्तऋषि के नाम पर भी जोन तैयार किए जा रहे हैं. पूरे क्षेत्र को सात सप्तऋषियों के क्षेत्रों में विभाजित किया जाएगा, जिनमें से प्रत्येक में एक संत का नाम होगा जैसे कश्यप, भारद्वाज, गौतम, अत्रि, वशिष्ठ, विश्वामित्र और अगस्त्य.
अलग-अलग ऋषि के नाम पर तैयार किए जा रहे हैं
अलग-अलग ऋषि के नाम पर तैयार किए जा रहे इन जोन में उनके जीवन से जुड़ी किसी विशेष घटना को आर्ट और स्कल्पचर के जरिए दिखाया गया है. जैसे अगस्त्य ऋषि के बारे में कहा जाता है कि एक बार उन्होंने अपनी मंत्र शक्ति से समुद्र का समूचा जल पी लिया था. वेद वन में इसको प्रदर्शित किया जाएगा. इसके लिए यहां पर एक तालाब भी बनाया जा रहा है, जिसके सामने अगस्त्य ऋषि की कलाकृति को लगाया जाएगा, जो मुख्य आकर्षण का केंद्र होगा.
पेड़-पौधों के बारे में मिलेगी जानकारी
4 वेदों में जिन पेड़ पौधों का जिक्र है, उनका आज धार्मिक मान्यताओं के साथ औषधि, यज्ञ, हवन व धार्मिक अनुष्ठान में प्रयोग किया जाता है. इन्हें यहां पर ग्रीन हाउस के रूप में लगाए जाने के साथ-साथ इनके वानस्पतिक नाम भी बताए जाएंगे. इसमें कल्प वृक्ष, बेल, कदम्ब, कटहल, नीम, सेमुल, पलाश, अमलतास, गुगल, कमंडल, रुद्राक्ष, मंदार, बरगद, गूलर, पीपल, आम, बकुला, केला, पारिजात, आंवला, अशोक, चंदन, रीठा, सीता अशोक, साल, इमली, अर्जुन, बेर शामिल हैं.
इसमें चार वेदों – ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद के मुख्य आकर्षण के साथ कई दीवार बनाई गईं हैं. जिन पर प्राचीन भारतीय संतों की मूर्तियां शामिल हैं. पार्क में हर रोज वॉटर लेज़र शो के जरिए 30 मिनट तक वेद और पुराण की जानकारी दी जाएगी.