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200 करोड़ की संपत्ति दान कर जैन दीक्षा लेने जा रहा है यह दंपति, दोनों बच्चे भी त्याग चुके हैं ऐशो-आराम का जीवन

यह कहानी है अहमदाबाद के एक बिजनेसमैन की, जो अपनी पत्नी के साथ दीक्षा लेने जा रहे हैं. दिलचस्प बात यह है कि इस दंपति की करोड़ों की संपत्ति है जो उन्होंने दान कर दी है और खुद भक्ति के मार्ग पर निकल रहे हैं.

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हाइलाइट्स
  • बेटा और बेटी भी ले चुके हैं दीक्षा 

  • साबरमती रिवरफ्रंट पर होगा कार्यक्रम

अक्सर लोग दिन-रात मेहनत करते हैं ताकि अपने और अपने परिवार के लिए ज्यादा से ज्यादा पैसे कमा सकें. लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं एक ऐसे बिजनेसमैन के बारे में जिन्होंने अपने जीवनभर की 200 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई दान कर दी ताकि वह त्याग और मोक्ष के मार्ग पर चल सकें. बिजनेसमैन भावेश भंडारी और उनकी पत्नी जीनल भंडारी दीक्षा ले रहे हैं और उनका का कहना है कि यह निर्णय आसान नहीं था लेकिन उन्होंने लिया. 

आसान नहीं था यह फैसला 
भावेश का कहना है कि उनके लिए अपने माता-पिता को मनाना मुश्किल था. क्योंकि कोई भी पैरेंट्स नहीं चाहते हैं कि उनके बच्चे भिक्षु बनें. लेकिन वह दृढ़ रहा. अब, उनके पिता और बड़े भाई व्यवसाय की देखभाल करेंगे. उन्होंने जीवन जीने के लिए सही मार्ग चुनने का निर्णय लिया है और इसके लिए उन्होंने साधुत्व को चुना है. 

जैन दंपत्ति 22 अप्रैल को अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट पर एक विस्तृत दीक्षा समारोह में समुदाय के 33 अन्य लोगों के साथ प्रतिज्ञा लेंगे. इन 35 मुमुक्षुओं में से 10 की उम्र 18 वर्ष से कम है. ये सभी लोग मुक्ति पाने के लिए सभी सांसारिक सुखों का त्याग करेंगे.

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बेटा और बेटी भी ले चुके हैं दीक्षा 
भावेश भंडारी एक रियल एस्टेट कारोबारी हैं. साल 2022 में, उनकी 19 वर्षीय बेटी और 16 वर्षीय बेटे ने आचार्य देव विजय योग तिलक सूरीजी महाराज के मार्गदर्शन में सूरत में एक ऐसे कार्यक्रम में भिक्षुत्व अपनाया. भंडारी परिवार के अनुसार, वे लगभग 10 वर्षों से आध्यात्मिक शिक्षाओं का पालन कर रहे हैं. इससे पहले भी, व्यवसायी ने गुजरात के विभिन्न हिस्सों में आयोजित सामुदायिक और दीक्षा कार्यक्रमों के लिए दान दिया है.

उनका पारिवारिक व्यवसाय है. वे मुख्य रूप से फाइनेंस और लैंड डेवलपर्स के साथ काम करते हैं. वे सीमंधर फाइनेंस के नाम से संचालित बिजनेस फाइनेंस, ऑटो फाइनेंस और अन्य फाइनेंस से निपटते हैं. भावेश ने बीबीए (बैचलर्स ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन) की पढ़ाई की और बाद में पारिवारिक व्यवसाय में शामिल हो गए.

 

भंडारी परिवार के अलावा, जो अन्य लोग इस कार्यक्रम में आचार्य योगतिलकसूरिजी महाराज से भिक्षु बनने की शपथ लेंगे, उनमें सूरत के कपड़ा व्यापारी संजयभाई सदरिया और उनकी पत्नी बीनाबेन शामिल हैं. दंपति के बेटे और बेटी ने 2021 में दीक्षा ली थी. अब भिक्षुणी प्रतिज्ञा के बाद पूरा परिवार एक अलग उपाश्रय (जैन पुजारी का धार्मिक विश्राम स्थल) में रहेगा.

साबरमती रिवरफ्रंट पर होगा कार्यक्रम
सूरत के एक अन्य कपड़ा व्यापारी जशवंत शाह और उनकी पत्नी दीपिका भी अपने बेटों के नक्शेकदम पर चलते हुए दीक्षा लेंगे, जिन्होंने एक साल पहले प्रतिज्ञा ली थी. सूरत के एक और जोड़े - जगदीश शाह और उनकी पत्नी शिल्पा - दीक्षा लेंगे. उनका इकलौता बेटा साल 2021 में दीक्षा ले चुका है. 

यह पांच दिवसीय दीक्षा कार्यक्रम 18 अप्रैल को शुरू होगा और इसमें भारत और विदेश से जैन समुदाय के हजारों लोगों के जुटने की उम्मीद है. यह भव्य समारोह साबरमती रिवरफ्रंट पर आयोजित किया जाएगा. कार्यक्रम स्थल पर मुख्य मंडप में 30,000 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी. जानकार लोगों के अनुसार, रात में 2,000 से ज्यादा दीये इस स्थान को रोशन करेंगे.