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Ekadashi Vrat 2022: मार्च में हैं आमलकी और पापमोचिनी एकादशी, जानें तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा-विधान, मिलेगा पुण्यफल और नष्ट होंगे पाप

फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi Vrat) कहते हैं और चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचनी एकादशी (Papmochini Ekadashi Vrat) कहते हैं. इन दोनों एकादशी का व्रत करने वाले श्रद्धालु न सिर्फ सुख समृद्धि पाते हैं बल्कि उन्हें पापों से भी मुक्ति मिलती है. 

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हाइलाइट्स
  • मार्च के महीने में हैं ये दो महत्वपूर्ण एकादशी

  • एकादशी का व्रत करने से मिलता है पुण्यफल

हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि और इसके व्रत का बहुत ही ज्यादा महत्व होता है. इस दिन को बहुत ही अधिक पुण्य फल देने वाला माना गया है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है. हर महीने दो एकादशी तिथि होती हैं- एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में. 

आपको बता दें कि मार्च के महीने में भी दो बहुत ही महत्वपूर्ण एकादशी आती हैं. एक फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की और एक चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की.  

फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi Vrat) कहते हैं और चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचनी एकादशी (Papmochini Eadashi Vrat) कहते हैं. इन दोनों एकादशी का व्रत करने वाले श्रद्धालु न सिर्फ सुख समृद्धि पाते हैं बल्कि उन्हें पापों से भी मुक्ति मिलती है. 

कब हैं दोनों एकादशी: 

इस साल आमलकी एकादशी 14 मार्च को और पापमोचिनी एकादशी 28 मार्च को है. आमलकी एकादशी के दिन श्री हरि विष्णु और आंवले के पेड़ का पूजन किया जाता है. इस एकादशी को आंवला एकादशी, रंगभरी एकादशी और आमलका एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. 

आमलकी एकादशी का व्रत करने से एक हजार गौदान का पुण्यफल मिलता है. वहीं, पापमोचिनी एकादशी का व्रत को करने से पापों का नाश होता है और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है. 

जानिए शुभ मुहूर्त: 

आमलकी एकादशी तिथि 13 मार्च, 2022 को सुबह 10:21 बजे से शुरू होकर 14 मार्च, 2022 को दोपहर 12:05 बजे खत्म होगी. वहीं पारण (व्रत तोड़ने का) समय 15 मार्च को सुबह 06:31 से 08:55 बजे तक है. 

दूसरी तरह पापमोचिनी एकादशी तिथि  27 मार्च 2022 को शाम 06:04 से शुरू होकर 28 मार्च 2022 को शाम 04:15 पर समाप्त होगी. बात अगर पारण समय की करें तो यह 29 मार्च को सुबह 06:15 से 08:43 बजे तक है. 

इस तरह करें एकादशी के दिन पूजा

  • सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और घर के मंदिर की साफ-सफाई करें. 
  • अब घर के मंदिर में दीप जलाएं और भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें. 
  • भगवान विष्णु को फूल और तुलसी दल भी अर्पण करना चाहिए. 
  • अगर संभव है तो इस दिन व्रत भी रखें. 
  • एकादशी तिथि के अनुसार कथा पाठ करें और फिर भगवान विष्णु की आरती करें.  
  • भगवान को भोग लगाते समय इस बात का खास ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है. भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करना चाहिए.
  • इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ -साथ माता लक्ष्मी की पूजा भी करें. 
  • शुभ मुहूर्त के अनुसार व्रत का पारण करें.