
प्रयागराज में चल रहा कुंभ मेला इस लिहाज से बेहद खास है क्योंकि इसके साथ 144 सालों के विशेष संयोग जुड़ा है और अगर इसी दौरान कुंभ मेले में कोई बच्चा जन्म ले ले तो कुंभ में आने वाले परिवार के लिए बेहद खास हो जाता है. जब बच्चा खास होगा तो उसका नाम भी खास तरीके से रखा गया है.
दरअसल, संगम की रेती पर लगे कुंभ मेले में आस्था और उत्साह चरम पर है. जहां 50 करोड़ श्रद्धालुओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर भारत के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी तक, सभी ने महाकुंभ मेले में आकर त्रिवेणी संगम में स्नान किया है. ये महाकुंभ मेला कई अनोखी घटनाओं का साक्षी भी बन रहा है. इस बीच मेले के सेक्टर 2 में बने इस सेंट्रल हॉस्पिटल से कई खुशखबरी भी उनके परिवारों के लिए लेकर आईं हैं.
नाम भी हैं अनोखे
कुंभ, भोला, गंगा, बजरंगी, यमुना, सरस्वती, नंदी, अमृत, बसंत, बसंती, शंकर, कृष्णा…पूर्णिमा... ये कुंभ मेले से जुड़े किसी पर्व के नाम नहीं बल्कि कुंभ मेले के दौरान सेंट्रल हॉस्पिटल में जन्मे बच्चों के नाम हैं. बच्चों के नाम खास इसलिए रखे गए हैं क्योंकि उनका जन्म कुंभ मेला में हुआ है. सेंट्रल हॉस्पिटल की पहल पर बच्चों के मां-बाप ने खुशी-खुशी उनके ये नाम रखे हैं.
लोगों ने अपने बच्चे का नाम कुंभ रखा, कुछ लोग यमुना, सरस्वती और जब गंगा-यमुना सरस्वती का जिक्र होगा तो शंकर, नंदी, कृष्णा, बजरंगी का भी होगा, बसंत पंचमी के दिन पैदा हुआ बच्चा बसंत हो गया तो बच्ची बसंती, अमृत स्नान के दिन जन्मा बच्चा अमृत कहलाया तो माघी पूर्णिमा पर्व पर जन्मी बच्ची पूर्णिमा हो गई, बच्चों के ये नाम जीवन भर उन्हें और उनके परिजनों को कुंभ मेले की याद को संजोकर रखने के लिए काफी होंगे.
माघ पूर्णिमा के दिन हुआ 13वें बच्चे का जन्म
माघ पूर्णिमा के दिन यहां 13वें बच्चे का जन्म हुआ. पूर्णिमा के दिन होने की वजह से बच्ची का नाम पूर्णिमा रखा गया. अहम बात ये है कि इन सभी बच्चों की नॉर्मल डिलीवरी हुई है और ये सभी पूरी तरह से स्वस्थ हैं. 144 साल के कुंभ के संयोग से जुड़े होने के चलते उनके परिजन उन्हें खास नाम भी दे रहे हैं.
बता दें, महाकुंभ मेले में जन्मे बच्चों को भाग्यशाली माना जाता है. इसी वजह से कई गर्भवती महिलाएं कुंभ मेले में आकर कुंभ स्नान करती हैं. मध्य प्रदेश के ग्वालियर से एक गर्भवती महिला महाकुंभ मेले में आई थीं. त्रिवेणी में स्नान करते समय उन्हें पेट में दर्द हुआ. तुरंत एम्बुलेंस की मदद से उन्हें सेंट्रल अस्पताल में भर्ती कराया गया. उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया, जिसका नाम उन्होंने सरस्वती रखा. कुंभ मेले में जन्में बच्चों के नाम सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने हुए हैं. लोग पुण्य कमाने के लिए महाकुंभ आते हैं, लेकिन वहां जन्म लेने वाले बच्चे पुण्यशाली हो जाते हैं.
(आनंद राज प्रयागराज की रिपोर्ट)