आज गणेश उत्सव का आखिरी दिन है. इसे अनंत चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है. पूजा पाठ के बाद हर्षोल्लास के साथ बप्पा को विदाई दी जाती है. गणेश विसर्जन के इस बार दो मुहूर्त हैं. भगवान को विदाई देने का पहला मुहूर्त 12 से 3 बजे तक का है. शाम 4.30 बजे से 6 बजे आखिरी मुहूर्त है. शायद आपको जानकारी न हो लेकिन आपको बता दें कि विसर्जन के लिए दोपहर का समय सबसे अच्छा माना जाता है. लेकिन किसी भी हाल में सूर्यास्त के बाद विसर्जन नहीं करना चाहिए.
क्या महत्व है इस चतुर्दशी तिथि का ?
- इस दिन मोक्ष की प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु की भी पूजा की जाती है
- इसके लिए अनंत चतुर्दशी का व्रत रक्खा जाता है
- बंधन का प्रतीक सूत्र हाथ में बाँधा जाता है तथा व्रत के पारायण के समय इसको खोल दिया जाता है
- इसमें नमक का सेवन नहीं करते ,पारायण में मीठी चीजें जैसे सेवई या खीर खाते हैं
- इस दिन गजेन्द्र मोक्ष का पाठ करने से जीवन की तमाम विपत्तियों से मुक्ति मिलती है
क्या तरीका है विसर्जन का?
- इस दिन प्रातः से उपवास रखना जरूरी है ,अथवा केवल फलाहार करें
- घर में स्थापित प्रतिमा का विधिवत पूजन करें,पूजन में नारियल ,शमी पत्र और दूब जरूर अर्पित करें
- उसके बाद प्रतिमा को विसर्जन के लिए ले जायें अगर प्रतिमा छोटी हो तो गोद अथवा सर पर रख कर ले जायें
- प्रतिमा को ले जाते समय भगवान गणेश को समर्पित अक्षत घर में अवश्य बिखेर दें
- चमडे का बेल्ट ,घडी अथवा पर्स पास में न रक्खें ,नंगे पैर ही मूर्ती का वहन और विसर्जन करें
- प्लास्टिक की मूर्ती अथवा चित्र न तो स्थापित करें और न ही विसर्जन करें , मिटटी की प्रतिमा सर्वश्रेष्ठ है
- विसर्जन के पश्चात् हाथ जोड़कर श्री गणेश से कल्याण और मंगल की कामना करें
क्या है गणेश चतुर्थी का पर्व और विसर्जन की महिमा ?
- भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से चतुर्दशी तिथि तक भगवान गणेश की उपासना के लिए गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है
- श्री गणेश प्रतिमा की स्थापना चतुर्थी को की जाती है और विसर्जन चतुर्दशी को किया जाता है
- कुल मिलाकर ये नौ दिन गणेश नवरात्रि कहे जाते हैं
- माना जाता है कि प्रतिमा का विसर्जन करने से भगवान पुनः कैलास पर्वत पर पंहुंच जाते हैं
- स्थापना से ज्यादा विसर्जन की महिमा होती है,इस दिन अनंत शुभ फल प्राप्त किये जा सकते हैं ,अतः इस दिन को अनंत चतुर्दशी भी कहते हैं
- कुछ विशेष उपाय करके इस दिन जीवन कि मुश्किल से मुश्किल समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है
क्या विशेष कर सकते हैं विसर्जन के समय ताकि जीवन की तमाम समस्याओं से मुक्ति मिले ?
- एक भोजपत्र अथवा पीला कागज ले लें
- अष्टगंध कि स्याही अथवा नयी लाल स्याही की कलम भी ले लें
- भोजपत्र अथवा पीले कागज पर सबसे ऊपर स्वस्तिक बनाये
- उसके बाद स्वस्तिक के नीचे ॐ गं गणपतये नमः लिखें
- उसके बाद क्रम से एक एक करके अपनी सारी समस्याएँ लिखें
- लिखावट में काट पीट न करें तथा कागज़ के पीछे कुछ न लिखें
- समस्याओं के अंत में अपना नाम लिखें फिर गणेश मंत्र लिखें
- सबसे आखिर में स्वस्तिक बनायें
- कागज़ को मोड़ कर रक्षा सूत्र से बाँध लें ,गणेश जी को समर्पित करें
- इसको भी गणेश जी की प्रतिमा के साथ ही विसर्जित करें
- समस्त समस्याओं से मुक्ति मिलेगी
गणेश प्रतिमा विसर्जन के अवसर पर समस्याओं से मुक्ति कैसे पायें ?
- हरे धागे में गूंथकर दूर्वा की एक माला बना लें
- इसको सामने रखकर "ॐ विघ्नहर्त्रे नमः" का 108 बार जप करें
- इसके बाद ये माला गणेश जी को पहना दें
- मूर्ति के साथ माला का भी विसर्जन कर दें
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