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ASI report on Gyanvapi:10 तहखाने… 1 कुआं, जानें क्या है ज्ञानवापी का रहस्य, क्या कहती है ASI की रिपोर्ट? 

एएसआई ने अपनी अत्याधुनिक तकनीक खासकर जीपीआर ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार के जरिए यह बताया कि कुल 10 तहखाना ज्ञानवापी के ढांचे के नीचे मौजूद हैं. ASI ने बाकायदा इन तहखानों की मैपिंग की है और इसके बारे में लिखा है.

Varanasi Gyanvapi Complex Varanasi Gyanvapi Complex
हाइलाइट्स
  • 10 तहखानों का रहस्य 

  • मुस्लिम पक्ष ने जताई है आपत्ति 

ज्ञानवापी परिसर में मस्जिद के ढांचे के नीचे मौजूद व्यास जी के तहखाना में पूजा अनवरत जारी रहेगी. यह फैसला सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की दो अपीलों को खारिज करने के बाद सुनाया गया है. हाईकोर्ट ने भी यह मान लिया की ज्ञानवापी के ढांचे के नीचे एक तहखाने में हिंदू पक्ष का कब्जा 1993 तक था और वहां पूजा पाठ और धार्मिक आयोजन होते थे. यह फैसला हिंदू पक्ष की बड़ी जीत है और मुस्लिम पक्ष के लिए बड़ा झटका. 

यह तो हुई एक तहखाने की बात लेकिन ज्ञानवापी परिसर में कितने तहखाने हैं और क्या है इन तहखानों का रहस्य, ये बहुत कम लोग जानते हैं. 

ज्ञानवापी परिसर में कितने तहखाने हैं?

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एएसआई (ASI) के सर्वे के पहले इस ज्ञानवापी परिसर के ढांचे में मौजूद तहखानों की संख्या का सही अंदाजा तक नहीं था. कोई इसके नीचे चार से पांच तहखाना बताता था, कोई 3-4 तहखाना, लेकिन एएसआई ने अपनी अत्याधुनिक तकनीक खासकर जीपीआर ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार के जरिए यह बताया कि कुल 10 तहखाना ज्ञानवापी के ढांचे के नीचे मौजूद हैं. ASI ने बाकायदा इन तहखानों की मैपिंग की है और इसके बारे में लिखा है.

10 तहखानों का रहस्य 

दो तहखाने हैं, जो खुली आंखों से दिखाई देते हैं. इसमें एक हिंदू पक्ष यानी व्यास जी का तहखाना कहलाता है और दूसरा मुस्लिम पक्ष का तहखाना था जो मस्जिद कमेटी के पास या उसके कब्जे में था.

लेकिन एएसआई ने अपनी रिपोर्ट में कुल 10 चेंबर का जिक्र किया है ज्ञानवापी के उत्तरी भाग में पांच चैंबर और दक्षिणी भाग में पांच चैंबर - इन्हीं 10 चैंबर को 10 तहखाना माना गया है. लेकिन चाहे एडवोकेट कमिश्नर का सर्वे हो या फिर ASI का सर्वे यह दोनों सर्वे कमिशन सिर्फ दो तहखानों का सर्वे कर पाए क्योंकि यही दो तहखाना खुले हैं जिसके भीतर इंसान जा सकता है और जिसके भीतर धार्मिक गतिविधियां होती रही हैं.

आठ तहखाने पूरी तरह से सील हैं 

आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में एक कुएं का जिक्र भी किया है. यह कुआं व्यास जी के तहखाना से सटे हुए तीसरे तहखाने में मौजूद है और इसका पता भी ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार के जरिए ही चला. बाकी आठ तहखाने पूरी तरीके से दीवारों के जरिए सील किए जा चुके हैं और इसके भीतर पूरी मिट्टी भरी हुई है. इन तहखानों के लिए कोई दरवाजा नहीं है और ना ही किसी दरवाजे से इसे सील किया गया है. सभी तहखानों को मिट्टी से भरकर दीवारों से बंद कर दिया गया है.

हिंदू पक्ष दावा करता है कि इन तहखाना में पुराने ज्ञानवापी मंदिर के रहस्य छुपे हैं, जिसमें उनके देवी देवताओं की अनेकों मूर्तियां शिवलिंग और कई विग्रह हो सकते हैं. लेकिन आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने ऐसी किसी जानकारी को अपनी रिपोर्ट में नहीं दर्ज किया है. आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में या साफ-साफ लिखा है कि यह ज्ञानवापी मस्जिद हिंदू मंदिर के ऊपर बनाया गया है और इसके नीचे और पूरा फाउंडेशन किसी हिंदू मंदिर का है. ऐसे में बहुत मुमकिन है कि आठ तहखाना में मंदिर से जुड़े ढ़ेरों अवशेष मौजूद हो, लेकिन इसका पता तभी चल सकता है जब पूरी तरीके से पुरातात्विक खुदाई कराई जाए.

मुस्लिम पक्ष ने जताई है आपत्ति 

मुस्लिम पक्ष ने किसी भी तरह की पुरातात्विक खुदाई पर आपत्ति जताई थी जिसके बाद अदालत ने पुरातात्विक खुदाई या छेड़छाड़ की इजाजत नहीं दी. मुस्लिम पक्ष को यह डर था कि अगर इसके साथ छेड़छाड़ की गई तो यह ढांचा गिर सकता है वही हिंदू पक्ष भी अब पुरातात्विक खुदाई पर बहुत ज्यादा जोर देता नजर नहीं आ रहा.

विष्णु जैन इसे लेकर कहते हैं, कि जब ASI ने यह मान लिया और अपनी रिपोर्ट में लिख दिया कि यह मंदिर के ऊपर खड़ा किया हुआ मस्जिद का ढांचा है तो अब नीचे खुदाई की उत्सुकता बहुत ज्यादा नहीं है. अगर इन तहखानों को खोला जाएगा तो वही हिंदू मंदिर के अवशेष ही निकलेंगे लेकिन हिंदू पक्ष वजू खाने का ASI सर्वे चाहता है, क्योंकि यहां जो शिवलिंग जैसी आकृति मिली है उसे हिंदू पक्ष आदि विशेश्वर का शिवलिंग कहता है जबकि मुस्लिम पक्ष इसे फव्वारा कहता है. 

हालांकि हिन्दू पक्ष की दोनों याचिकाएं इस वक्त अदालत में लंबित हैं जिसमें वजूखाने का सर्वे और ज्ञानवापी मस्जिद के नीचे पुरातात्विक सर्वे की मांग की गई है.

बहरहाल ASI के सर्वे रिपोर्ट के बावजूद मुस्लिम पक्ष नहीं मानता कि ज्ञानवापी परिसर के नीचे कोई तहखाना है. मुस्लिम पक्ष के वकील यासीन कहते हैं कि कोई तहखाना नहीं हिंदू पक्ष जबरदस्ती कर रहा है. जबकि व्यास परिवार के उत्तराधिकारी जितेंद्र व्यास का कहना है कि अगर इन आठ तहखानों की खुदाई की गई तो मंदिर से जुड़े हजारों प्रमाण और मिलेंगे.