
अयोध्या में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए यूपी की योगी सरकार बुनियादी ढांचे का विकास कर रही है. अब एयरपोर्ट की तर्ज पर बस टर्मिनल का निर्माण करने जा रही है, जिसकी लागत करीब ₹250 करोड़ है. यह बस टर्मिनल अयोध्या धाम के धार्मिक महत्त्व को ध्यान में रखते हुए मंदिर मॉडल में तैयार किया जाएगा.
सरकार की मानें तो अयोध्या के बस स्टेशन को एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित किया जाएगा, जिसमें तमाम आधुनिक सुविधाएं होंगी. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मॉल से लेकर होटल तक की व्यवस्था होगी. नया बस टर्मिनल अयोध्या धाम के धार्मिक महत्त्व को ध्यान में रखते हुए मंदिर मॉडल में तैयार किया जाएगा, जिससे यहां आने वाले देश-विदेश के श्रद्धालुओं को भव्य और आध्यात्मिक वातावरण का अनुभव हो सके.
जमीन का अधिग्रहण का कार्य पूरा
सरकार की माने तो अयोध्या के नए बस स्टेशन के निर्माण के लिए जमीन का अधिग्रहण पूरा कर लिया गया है. अब जल्द ही इसके निर्माण का काम भी शुरू हो जाएगा. जाहिर है ये भगवान राम की नगरी की खूबसूरती में न सिर्फ चार चांद लगाएगा बल्कि इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.
बजरंग पथ का निर्माण
अयोध्या में सिर्फ बस स्टेशन ही नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अब सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर तक बजरंग पथ का भी निर्माण किया जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं को हनुमानगढ़ी से राम जन्मभूमि मंदिर तक पहुंचने में ज्यादा समय न लगे. बजरंग पथ के निर्माण से हनुमानगढ़ी मंदिर से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर तक की दूरी महज 290 मीटर रह जाएगी. बजरंग पथ की चौड़ाई सात मीटर होगी.
इसका 40 फीसद निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. इस पथ के निर्माण से दूरी कम होने के साथ साथ श्रद्धालुओं की यात्रा सरल और सुविधाजनक हो जाएगी. पिछले कुछ सालों में रामनगरी अयोध्या में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला भी तेजी से बढ़ा है. ऐसे में अयोध्या धाम बस स्टैंड के सौंदर्यीकरण और हनुमानगढ़ी से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर को जोड़ने वाला ये बजरंग पथ श्रद्धालुओं के लिए किसी सौगात से कम नहीं है.
हनुमानगढ़ी के मुख्य पुजारी अब तोड़ेंगे सदियों पुरानी यह परंपरा
अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर के पुजारी पहली बार राम जन्मभूमि मंदिर में प्रवेश करेंगे, सदियों पुरानी परंपरा टूटेगी. अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर महंत प्रेमदास जी का यह ऐतिहासिक कदम होगा.
हनुमानगढ़ी मंदिर की परंपरा
हनुमानगढ़ी मंदिर अयोध्या का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जहां बजरंगबली के दर्शन के बाद ही भक्त रामलला के दर्शन के लिए जाते हैं. सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार, हनुमानगढ़ी के पुजारी को मंदिर परिसर से बाहर निकलने की मनाही थी.
परंपरा में बदलाव
इस बार, अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर हनुमानगढ़ी के मुख्य पुजारी महंत प्रेमदास जी पहली बार राम जन्मभूमि मंदिर में प्रवेश करेंगे. यह परंपरा अट्ठारहवीं शताब्दी से चली आ रही थी, जब मंदिर की स्थापना हुई थी.
शाही जुलूस और स्वागत
30 अप्रैल को प्रातः 7:00 बजे वीआइपी गेट हनुमानगढ़ी से महंत प्रेमदास जी अपने शाही जुलूस के साथ प्रस्थान करेंगे. इस जुलूस में हाथी, घोड़े, ऊंट और छत्र-छड़ी शामिल होंगे. जगह-जगह पर उनका स्वागत किया जाएगा और हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी की जाएगी.