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Ayodhya Mosque: बदल गया अयोध्या मस्जिद का डिजाइन, पैगंबर मुहम्मद के नाम पर होगा मस्जिद का नाम

अयोध्या में बाबरी मस्जिद की जगह प्रस्तावित मस्जिद का नाम मुहम्मद बिन अब्दुल्ला रखा जाएगा. इस मस्जिद के परिसर में लाइब्रेरी, कॉलेज से लेकर अस्पताल बनाने तक का प्लान है.

Old picture of Babri Masjid Old picture of Babri Masjid
हाइलाइट्स
  • पांच एकड़ जमीन पर बनेगी मस्जिद 

  • मस्जिद में बनेंगे कॉलेज-अस्पताल 

अयोध्या विवाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के चार साल बाद, ऑल इंडिया राब्ता-ए-मसाजिद (मस्जिदों का नेटवर्क) और इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन का प्रतिनिधित्व करने वाले एक समूह ने बाबरी मस्जिद के प्रतिस्थापन के रूप में बनाई जाने वाली प्रस्तावित मस्जिद का नाम पैगंबर मुहम्मद और उनके पिता अब्दुल्ला के नाम पर रखने का फैसला किया है. 

इस मस्जिद में एक साथ 9,000 लोग इकट्ठे हो सकेंगे.  यह देश की सबसे बड़ी मस्जिद होगी और इसका नाम मस्जिद मुहम्मद बिन अब्दुल्ला होगा. इस मस्जिद की नींव जल्द ही रखी जाएगी. अयोध्या से 25 किमी दूर दानीपुर में पांच एकड़ की जगह पर बनने वाली मस्जिद के लिए पहली ईंट गुरुवार को मुंबई में एक कार्यक्रम में उपहार में दी गई.

पांच एकड़ जमीन पर बनेगी मस्जिद 
हम सब जानते हैं कि दशकों पुराने विवाद पर अपने फैसले में, 9 नवंबर, 2019 को SC ने विवादित 2.77 एकड़ जमीन राम जन्मभूमि ट्रस्ट को दे दी और सरकार से मस्जिद बनाने के लिए वैकल्पिक 5 एकड़ जमीन देने को कहा. अब एक कार्यक्रम में मस्जिद के डिजाइन का अनावरण किया गया और इस्लाम के विभिन्न संप्रदायों से संबंधित वरिष्ठ मौलवियों को पहली ईंट भेंट की गई. 

इस कार्यक्रम में यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के अध्यक्ष जुफर अहमद फारुकी, महाराष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता हाजी अराफात, वास्तुकार इमरान शेख, अभिनेता रजा मुराद और शहजाद खान, देश की कई दरगाहों के प्रमुख और खादिम शामिल हुए. यह कार्यक्रम बांद्रा के रंगशारदा हॉल में आयोजित हुआ था. 

आपको बता दें कि मस्जिद के पांच द्वारों का नाम पैगंबर मुहम्मद और उनके उत्तराधिकारी चार खलीफाओं, हजरत अबू बकर, हजरत उमर, हजरत उस्मान और हजरत अली के नाम पर रखा जाएगा. 

मस्जिद में बनेंगे कॉलेज-अस्पताल 
इस कार्यक्रम में समुदाय से आगे आने और धन, श्रम और कौशल दान करने का आह्वान किया गया. आपको बता दें कि मस्जिद परिसर में पुस्तकालय, संग्रहालय, सम्मेलन कक्ष और सूचना केंद्र, एक कैंसर अस्पताल (वॉकहार्ट द्वारा प्रबंधित), एक प्रसूति अस्पताल, इंजीनियरिंग, मेडिकल और लॉ कॉलेजों के निर्माण के लिए और छह एकड़ जमीन खरीदी जा रही है. अस्पताल और कॉलेज सभी समुदायों के गरीबों की सेवा करेंगे.