
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का कहना है कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य 96 फीसदी पूरा हो चुका है और जून तक पूरा निर्माण हो जाएगा. ट्रस्ट के मुताबिक गर्भगृह में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा पहले ही हो चुकी है, लेकिन मंदिर के अन्य हिस्सों में अभी भी निर्माण कार्य चल रहा है. ट्रस्ट के एक सदस्य ने बताया कि हमारा मंदिर जून तक तैयार हो जाएगा. परकोटा अक्टूबर तक बनने की संभावना है.
रामनवमी पर विशेष आयोजन-
रामनवमी के दिन संत तुलसीदास की मूर्ति का अनावरण होगा. इसके साथ ही 30 अप्रैल तक बाकी की प्रतिमाएं भी स्थापित हो जाएंगी. इस मौके पर मंदिर में भव्य आयोजन और धार्मिक अनुष्ठान किए जाएंगे. रामनवमी पर भगवान राम के सूर्य तिलक का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा. रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजकर 4 मिनट पर भगवान राम का सूर्य तिलक होगा. इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए 50 से अधिक स्क्रीन की व्यवस्था होगी. वाल्मीकि रामायण और रामचरित मानस की नवान पारायण पाठ होगा.
मंदिर निर्माण में खर्च और सहयोग-
मंदिर प्रशासन के अनुसार अब तक मंदिर निर्माण में 2100 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. खास बात यह है कि ट्रस्ट को यह सहयोग समाज से मिला है और सरकार से कोई आर्थिक मदद नहीं ली गई है. ट्रस्ट के एक सदस्य के मुताबिक हमने सरकार को भी 396 करोड़ रुपये का टैक्स चुकाया है.
मुख्य पुजारी का पद समाप्त-
रविवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक हुई. जिसमें मंदिर के आय-व्यय का लेखा-जोखा पेश किया गया. इसी बैठक में यह फैसला भी लिया गया कि अब मंदिर में कोई मुख्य पुजारी नहीं होगा. आचार्य सत्येन्द्र दास के निधन के बाद मुख्य पुजारी की जगह खाली हुई थी, लेकिन अब उनके सम्मान में यह पद समाप्त करने का फैसला लिया गया है.
पर्यटकों की संख्या में वृद्धि-
मंदिर प्रशासन के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अयोध्या में पर्यटकों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. पिछले 5 वर्षों में अयोध्या में पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है. पूरी तरह से मंदिर के निर्माण के बाद यह संख्या और भी बढ़ने की उम्मीद है.
रामनवमी के दिन भगवान राम के गहनों, मुकुट, पूजा और भोग की जानकारी ट्रस्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर साझा की जाएगी. इसके अलावा रामनवमी के दिन संत तुलसीदास की प्रतिमा का अनावरण भी किया जाएगा.