अयोध्या के राम मंदिर में पूरे विधि-विधान से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई. इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कई विशिष्ट अतिथि और साधु-संतों ने हिस्सा लिया. अयोध्या में इस समारोह में जयपुर राजघराने के पद्मनाभ सिंह भी शामिल हुए. राम मंदिर के सामने पद्मनाभ सिंह की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.
कौन हैं पद्मनाभ सिंह-
पद्मनाभ सिंह जयपुर राजघराने के सदस्य हैं. पद्मनाभ सिंह राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी के बेटे हैं. इस फैमिली का कच्छवाहा/कुशवाहा वंश से रिश्ता माना जाता है. डिप्टी सीएम दीया कुमार ने 4 साल पहले दावा किया था कि उनका परिवार श्रीराम का वंशज है. उन्होंने सबूत के तौर पर अपनी वंशावली पेश की थी. जिसमें श्रीराम से कनेक्शन बताया गया था.
क्या है भगवान श्रीराम से कनेक्शन-
दीया कुमारी ने साल 2019 में मीडिया के सामने एक वंशावली पेश की थी. जिसमें भगवान श्रीराम के वंश के सभी पूर्वजों के नाम क्रमवार लिखे हुए हैं. इस वंशालवली में श्रीराम के 289वें वंशज के तौर पर जयपुर के पूर्व महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय का नाम दर्ज है. इसमें 307 वें नंबर पर पूर्व महाराजा भवानी सिंह का नाम दर्ज है.
पद्मनाभ को कब दी गई थी महाराज की उपाधि-
जयपुर राजघराने के पूर्व महाराजा भवानी सिंह का कोई पुत्र नहीं था. इसलिए उन्होंने अपने नाती पद्मनाभ सिंह को गोद लिया था. साल 2011 में 17 अप्रैल को भवानी सिंह का निधन हो गया. लेकिन उस समय पद्मनाभ सिंह सिर्फ 12 साल के थे. इसलिए उनका राज्याभिषेक नहीं हो पाया. साल 2016 में पद्मनाभ सिंह 18 साल के हुए. उसके बाद राजपरिवार की तरफ से उनको उत्तराधिकारी बनाया गया. आपके बता दें कि आजादी के देश में राजघराने की परंपरा खत्म हो गई है. इसलिए उत्तराधिकारी सिर्फ प्रतिकात्मक तौर पर बनााया जाता है.
फेमस पोलो खिलाड़ी हैं पद्मनाभ सिंह-
पद्मनाभ सिंह सूर्यवंश की 309वीं पीढ़ी के सदस्य हैं. पद्मनाभ सिंह ने अजमेर के प्रतिष्ठित मेयो कॉलेज से पढ़ाई की है. इसके बाद वो पढ़ने के लिए इंग्लैंड चले गए. उन्होंने इंग्लैंड में फेमस पब्लिक स्कूल मिलफील्ड से पढ़ाई की है. पद्मनाभ सिंह को पोलो खेलने का शौक है. उन्होंने साल 2017 में हर्लिंगम पार्क की ऐतिहासिक यात्रा में भारतीय टीम की अगुवाई की थी.
पद्मनाभ सिंह एक इंटरनेशनल मॉडल भी हैं. वो वर्ल्ड फैशन कैपिटल मिलान में अरमान और डॉल्चे एंड गब्बाना जैसे ब्रांड्स के लिए रैंप वॉक कर चुके हैं.
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