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रामलला ने छप्पन भोग लगाया! 3 दशक बाद निकली झांकी के एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु बने साक्षी

राजभोग आरती से पहले लखनऊ के श्रद्धालु भक्त मनीष कुमार की ओर से छप्पन व्यंजनों का भोग श्री रामलला को अर्पित किया गया. मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास अपनी देखरेख में भोग सामग्री और व्यंजन मंदिर परिसर में लाए और भोग लगाकर राजभोग आरती की.

श्री रामलला श्री रामलला
हाइलाइट्स
  • 3 दशक बाद निकली झांकी

  • 1.12 लाख से ज्यादा भक्त बने साक्षी

अयोध्या में विराजित श्री रामलला ने अपने तीनों भाइयों सहित नए साल 2022 के पहले दिन राजभोग में छप्पन व्यंजनों का भोग लगाया. तीन दशकों बाद इस अदभुत झांकी के साक्षी एक लाख 12 हजार से ज्यादा भक्त और श्रद्धालु बने. श्री रामजन्म भूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के मुताबिक नए साल, वर्ष प्रतिपदा और राम नवमी जैसे उत्सवों पर श्री रामलला को छप्पन भोग अर्पित करने की परंपरा है. लेकिन मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास के मुताबिक करीब तीन दशकों से श्री रामलला टेंट में विराजित थे. लिहाजा ऐसी व्यवस्थाएं नहीं हो सकी. पिछले साल कोरोना का प्रोटोकॉल था. इस बार यह सब हो पाया.

सुबह 5 बजे से ही जुटने लगी थी भीड़
न्यास के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक भगवान श्री रामलला को भाइयों सहित वर्ष 2022 के पहले दिन शनिवार को सुबह सुषुम जल अभिषेक के बाद क्रीम रंग के वस्त्रों की पोशाक धारण कराई गई. सर्दी की वजह से नरम गरम ऊनी उपधान भी धारण कराए गए. श्रद्धालुओं की भीड़ सुबह पांच बजे से ही जन्मभूमि मंदिर परिसर के आसपास जुटने लगी थी. पुलिस प्रशासन और सुरक्षाकर्मियों ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए दोनों पारियों में एक लाख 12 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं को उनके लाडले लाल रामलला के दर्शन कराए.

राजभोग आरती से पहले लखनऊ के श्रद्धालु भक्त मनीष कुमार की ओर से छप्पन व्यंजनों का भोग श्री रामलला को अर्पित किया गया. मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास अपनी देखरेख में भोग सामग्री और व्यंजन मंदिर परिसर में लाए और भोग लगाकर राजभोग आरती की. आरती के बाद छप्पन भोग प्रसाद सुरक्षा कर्मियों और श्रद्धालुओं में वितरित कर दिया गया. सारा प्रसाद लखनऊ के मिष्ठान भंडार मधुरिमा से खास तौर पर पूरी पवित्रता और भोग भाव के साथ तैयार कराकर मंगवाया गया था.

56 प्रकार के व्यंजनों का लगाया गया भोग
सुबह 11.30 बजे राजभोग आरती के समय रामलला को 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया गया. इस छप्पन भोग में मेवा और अलग-अलग तरह के मिष्ठान जैसे रसगुल्ला, गुलगुले, मालपुआ, रसमलाई, बर्फी आदि शामिल रहते हैं. श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास अपने साथ यह छप्पन भोग रामलला परिसर ले गए और भगवान को अर्पित किया. अयोध्या में दशकों बाद नए साल पर इतनी चहल पहल दिखी. हनुमान गढ़ी मंदिर में भी पचास हजार भक्तों ने हनुमंत लाल के दर्शन कर रिकॉर्ड बनाया.