पूरे देश में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाने को लेकर भक्तों में उत्साह है. जिनके जन्म पर जेल के ताले टूट गए और उनके माता-पिता की बेड़ियां स्वत: ही खुल गईं, ऐसे भगवान बांके बिहारी इस बार जन्माष्टमी के अवसर पर कैदियों की बनाई पोशाक धारण करेंगे. उत्तर प्रदेश के मथुरा जिला कारागार के कैदियों ने इस पोशाक को बनाया है. इस वर्ष के जन्माष्टमी के अवसर पर बांके बिहारी जी को यह पोशाक पहनाई जाएगी.
कैदियों ने पोशाक बनाने की जाहिर की थी इच्छा
बता दें कि पहले भी मथुरा की जिला जेल में भगवान श्रीकृष्ण की पोशाक कैदी बनाते रहे हैं. इस बार कैदियों ने जेल अधीक्षक से इच्छा जाहिर की थी कि यदि मुख्य पुजारी अनुमति दें तो जन्माष्टमी के पावन अवसर पर श्री बांके बिहारी जी को पहनाई जाने वाली पोशाक उन्हें बनाने दिया जाए.
पुजारी ने दी थी इजाजत
जब मुख्य पुजारी से जेल अधीक्षक ने वार्ता की तो पुजारी जी ने इसकी इजाजत दे दी. जिसके बाद कैदियों ने मिलकर बिहारी जी के लिए पोशाक तैयार की. कुल मिलाकर आठ कैदियों ने यह पोशाक तैयार की है. इसे बनाने में 1 हफ्ते यानी 7 दिन का समय लगा है.
पोशाक में क्या-क्या है शामिल
बांके बिहारी को पहनायी जाने वाली पोशाक में बिहारी जी का जमादार घाघरा यानी लहंगा, पिछवाई यानी इकलाई, ओढ़नी यानी फरिया, नीचे का बिछौना, कमरबंद, चोटिला और श्री जी का लहंगा और पाग शामिल है. इसके अलावा श्रीअंग के गहने आभूषण, मुकुट, टिपारे, मोरपखा और लकुटी बंसी आदि अलग शृंगार होते हैं.
भगवान श्रीकृष्ण धारण करेंगे पोशाक
कल (बुधवार) शाम 5:00 बजे कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति बांके बिहारी जी का दर्शन करेंगे और जेल अधीक्षक मथुरा के साथ मुख्य पुजारी को बंदियों की ओर से निर्मित पोशाक सौंपेंगे. मुख्य पुजारी के माध्यम से बांके बिहारी कैदियों द्वारा बनाए गए पोशाक को धारण करेंगे.
जन्माष्टमी की क्या है तिथि
हर साल की तरह इस बार भी श्री कृष्ण जन्माष्टमी की तिथि को लेकर भक्तों में कन्फ्यूजन है. जन्माष्टमी का त्यौहार दो दिन मनाया जाता है. एक दिन गृहस्थ जीवन वाले और दूसरे दिन वैष्णव संप्रदाय वाले जन्माष्टमी मनाते हैं इसलिए 6 और 7 सिंतबर दोनों दिन श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा. गृहस्थ जीवन वाले 6 सितंबर और वैष्णव संप्रदाय 7 सितंबर को जन्माष्टमी मनाएंगे. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्रीकृष्ण का जन्म रात्रि 12 बजे रोहिणी नक्षत्र में हुआ था.
साधू, संत और संन्यासियों में कृष्ण की पूजा का अलग विधान है. शास्त्रों में पंचदेवों के उपासक (गृहस्थ) यानी स्मात संप्रदाय के लोगों के लिए कृष्ण की उपासना अलग तरीके से बताई गई है. इस दिन दही हांडी (Dahi Handi 2023) का उत्सव भी मनाया जाता है. रोहिणी नक्षत्र 06 सितंबर 2023, सुबह 09:20 से शुरू होकर 07 सितंबर 2023, सुबह 10:25 पर खत्म होगा.
(संजय शर्मा/संतोष शर्मा की रिपोर्ट)