बसंत पंचमी हिंदूओं का एक बड़ा त्योहार है. इसबार ये 26 जनवरी, 2023 को पूरे देश में मनाया जाएगा. बसंत पंचमी को वसंत पंचमी के रूप में भी जाना जाता है, जो वसंत के पहले दिन मनाया जाता है. ये माघ महीने के पांचवें दिन पड़ता है. लोग इस दिन देवी सरस्वती की पूजा करने के लिए मंदिरों में जाते हैं और उनसे आशीर्वाद मांगते हैं. ज्योतिष के जानकार मानते हैं वसंत पंचमी का दिन सभी कार्यों के लिए बहुत शुभ माना होता है. इस दिन ऋतुराज बसंत के स्वागत के साथ ही विद्या और ज्ञान की देवी. मां सरस्वती के पूजन का भी विशेष फलदायी है. खासकर कोई भी नया काम शुरू करने के लिए वसंत पंचमी का दिन सबसे उत्तम है.
बसंत पंचमी का महत्व
बताते चलें कि माघ शुक्ल की पंचमी तिथि को विद्या और बुद्धि की देवी मां सरस्वती की उपासना की जाती है. इसी उपासना के पर्व को वसंत पंचमी कहते हैं. वर्ष के कुछ विशेष शुभ काल में से एक होने के कारण इसको "अबूझ मुहूर्त"भी कहा जाता है. इसमें विवाह, निर्माण तथा अन्य शुभ कार्य किए जा सकते हैं. ऋतुओं के इस संधि काल में ज्ञान और विज्ञान दोनों का वरदान प्राप्त किया जा सकता है. संगीत कला और आध्यात्म का आशीर्वाद भी इस काल में लिया जा सकता है. अगर कुंडली में विद्या बुद्धि का योग नहीं है या शिक्षा की बाधा का योग है तो इस दिन विशेष पूजा करके उसको ठीक किया जा सकता है.
बसंत पंचमी के दिन क्या करें?
बसंत पंचमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में जल्दी उठें, आप 3.30 से 5.30 बजे के बीच में उठें ताकि अच्छे से पूडा पाठ कर पाएं. प्रात:काल के सभी कर्म और स्नान करने के बाद पीले वस्त्र धारण करें. इसके बाद उस दिन याद से भगवान सूर्य को जल चढ़ाएं. देवी को नए पीले वस्त्र के साथ चौकी पर रखें और कुछ पीले फूल रखें. इस पीले कपड़े का काफी महत्व होता है.सरस्वती मंत्र के साथ जीवन में आपको जो कुछ भी मिला है, उसके लिए ध्यान करें और देवी का धन्यवाद करें.
इसके अलावा, पीले चावल या कुछ मिठाई और फल चढ़ाएं. बच्चों या जरूरतमंदों को किताबें और संगीत, कला या किसी भी सीख से संबंधित चीजें दान करें. अगर मुमकिन हो पाए को तो सरसों के फूल चढ़ाएं. बता दें, ये समय किसी भी तरह की नई नई शुरुआत करने लिए काफी अच्छा समय है. इस दिन दान के रूप में गरीबों को मिठाई और चावल खिलाएं.
बसंत पंचमी पर इन बातों का रखें ध्यान
बसंत पंचमी के दिन शराब, तंबाकू या किसी भी नशीले पदार्थ के सेवन से बचें. नॉनवेज से परहेज करना चाहिए. इतना ही नहीं हो सके तो प्याज और लहसुन से परहेज करें. इसके अलावा उस दिन नहाएं जरूर, बिना नहाए भोजन न करें. दरअसल, वसंत पंचमी, जिसे आमतौर पर सरस्वती पूजा के रूप में जाना जाता है. ये हिंदू देवी सरस्वती की पूजा करने वाला त्योहार है. देशभर के अलग-अलग शहरों में इसे विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है.