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Budh Pradosh Vrat 2024: 23 जुलाई को है बुध प्रदोष व्रत, शुभ मुहूर्त से लेकर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा विधि तक, यहां सबकुछ जान लीजिए 

Budh Pradosh Vrat Shubh Muhurat: वैदिक पंचांग के मुताबिक आषाढ़ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 3 जुलाई 2024 को सुबह 7:10 बजे से शुरू हो रही है. इसका समापन 4 जुलाई को सुबह 5:55 बजे होगा. ऐसे में बुध प्रदोष व्रत बुधवार को रखा जाएगा.

Lord Shiva Lord Shiva
हाइलाइट्स
  • भगवान शिव की उपासना प्रदोष व्रत के दिन की जाती है सुबह और संध्या काल में 

  • प्रदोष काल में शिवजी की उपासना करने से बुध ग्रह से जुड़ी समस्याओं का हो जाता है अंत 

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व बताया गया है. हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान शिव (Lord Shiva) और मां पार्वती (Maa Parvati) की आराधना का विधान है. कहते हैं कि इस दिन भोले बाबा की उपासना करने से जीवन के हर दोष का नाश हो जाता है. मन की सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं. जब बुधवार को प्रदोष होता है तो इसे बुध प्रदोष व्रत कहते हैं. 

बुध प्रदोष व्रत मुहूर्त
वैदिक पंचांग के मुताबिक आषाढ़ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 3 जुलाई 2024 को सुबह 7:10 बजे से शुरू हो रही है. इसका समापन 4 जुलाई को सुबह 5:55 बजे होगा. ऐसे में बुध प्रदोष व्रत 3 जुलाई 2024 दिन बुधवार को रखा जाएगा.

इस विशेष दिन पर प्रदोष पूजा मुहूर्त शाम 7:30 से रात 9:30 बजे के बीच रहेगा. बुध प्रदोष व्रत के दिन शिववास नंदी पर है. शिववास का समय सूर्योदय से लेकर सुबह 7 बजकर 10 मिनट तक का रहेगा. इसके बाद शिववास भोजन में है. ऐसे में प्रदोष व्रत के दिन शिव भक्त सूर्योदय के बाद से रुद्राभिषेक कभी भी कर सकते हैं.

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क्या है पूजा विधि
1. प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत का संकल्प लें.
2. बुध प्रदोष व्रत के दिन फलाहार या जलाहार पर उपवास रखें.  
3. इस विशेष दिन पर भगवान शिव की प्रार्थना के साथ ही दिन की शुरुआत करनी चाहिए.
4. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की उपासना सुबह और प्रदोष काल यानी संध्या काल में की जाती है. 
5. ऐसा करने से ही प्रदोष व्रत का फल प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है.
6. इस दिन मंदिर जाकर या घर पर शिवलिंग की पूजा करें.
7. घर में पूजा कर रहे हैं तो सबसे पहले एक चौकी पर साफ वस्त्र बिछाकर भोले बाबा की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें.
8. शिवलिंग पर जल, दूध, दही, गंगाजल, पंचामृत चढ़ाने के साथ बेलपत्र चढ़ाएं.
9. इसके बाद भोग लगाएं और घी का दीपक जलाएं.
10. शाम के वक्त प्रदोष काल में श्वेत वस्त्र धारण करके शिवजी की उपासना करें. 
11. शिवजी और पार्वती जी के मंत्र ॐ उमामहेश्वराभ्याम नमः और ॐ गौरीशंकराय का जाप करें. 
12. बुध प्रदोष के दिन व्रत करने के साथ ही अगर आप अन्न का दान करते हैं तो यह बहुत ही लाभकारी माना जाता है.
13. बुध प्रदोष के दिन वस्त्र यानी कि कपड़ों का दान करना भी बहुत शुभ माना जाता है. 

प्रदोष व्रत में कौन सी बरतें सावधानियां 
1. बुध प्रदोष में फल और जल पर ही उपवास रखें. इस दिन अन्न खाने से बचें. 
2. शिवजी के साथ पार्वती जी का पूजन करें. 
3. शिव जी को केतकी, केवड़ा अर्पित न करें. 
4. शिवलिंग पर सिंदूर, चंदन आदि अर्पित न करें. 
5. यदि उपवास न रखें तो सात्विक आहार ही ग्रहण करें.
6. प्रदोष व्रत के दिन प्याज, लहसुन जैसे तामसिक भोजन का सेवन न करें. मांस-मदिरा का सेवन भी वर्जित है. 
7. प्रदोष व्रत के दिन किसी भी व्यक्ति के प्रति नकारात्मक विचार मन में न लाएं. 

बुध ग्रह की समस्याओं से मिलेगी मुक्ति
बुध प्रदोष व्रत के प्रदोष काल में शिवजी की उपासना करने से बुध ग्रह से जुड़ी समस्याओं का अंत हो सकता है. बुद्ध को बल मिलेगा. छात्रों की एकाग्रता बेहतर होगी. याद्दाश्त की शक्ति बढ़ेगी. बुध ग्रह की खराब स्थित चर्म रोगों को भी जन्म देती है. ऐसे में बुध प्रदोष व्रत पर आप ऐसे तमाम रोगों से मुक्ति पा सकते हैं. अपनी मधुर वाणी से लोगों का मन जीतने में कामयाब रहेंगे. बुद्ध प्रदोष व्रत के दिन बुध के मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करें. उस समय अगर हरे वस्त्र धारण करें तो उत्तम होगा.