हिन्दू धर्म में नवरात्रि को बहुत पवित्र पर्व माना गया है. नवरात्रि में नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. कहते हैं नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना और व्रत रखने से भक्तों की मनोकामना जल्द पूरी होती है. आइए जानते हैं नवरात्रि के दौरान व्रत क्यों रखा जाता है, क्या है इसका महत्व और नवरात्रि के दौरान व्रत रखने के किन नियमों का पालन करना चाहिए.
मां दुर्गा की बनी रहती है कृपा
मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान व्रत रखने से आत्मा की शुद्धि होती है. व्रत करने से तन और मन को बल मिलता है. साथ ही शारीरिक, मानसिक एवं धार्मिक लाभ भी प्राप्त होते हैं. शरीर को रोजाना के भोजन से थोड़ा विराम मिलता है जिससे शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर बना रहता है. व्रत करने से मन शांत होता है और तनाव भी दूर होता है जिससे मानसिक स्वास्थ्य में मजबूती आती है. मां दुर्गा की कृपा मिलती है और उनके आशीर्वाद से जीवन की कठिनाइयों से लड़कर बाहर निकलने का मार्ग मिलता है.
हर एक ग्रह का पड़ता है शुभ प्रभाव
नवरात्रि के दौरान व्रत रखने से हर एक ग्रह का शुभ प्रभाव पड़ता है जिससे सकारात्मक परिणाम जीवन में दस्तक देने लगते हैं. मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान मां के लिए रखा गया व्रत अक्षत पुण्य की प्राप्ति में सहायक साबित होता है और मां दुर्गा के नौ रूपों से 9 दिव्य वरदान मिलते हैं. मां दुर्गा के आशीर्वाद से ज्ञान का संचार होता है और व्यक्ति में निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है.
मन को संयम में रखना चाहिए
नवरात्रि व्रत रखने वाले को मन को संयम में रखना चाहिए और अपने इष्ट देव का ध्यान करना चाहिए और मन में किसी भी नकारात्मक विचार को नहीं आने देना चाहिए.लोग नवरात्रि व्रत कई अलग-अलग तरीके से रखते हैं. जैसे कुछ लोग एक समय भोजन करते हैं. कुछ लोग फलाहार, कुछ जल और कुछ तुलसी और गंगाजल पीकर ही नवरात्रि व्रत रखते हैं लेकिन आमतौर पर गृहस्थ लोग एक समय भोजन करके व्रत रखते हैं.
लकड़ी के तख्त पर नहीं सोना चाहिए
नवरात्रि के समय व्रत रखते हुए इस बात का ध्यान रखें कि पलंग के बजाये जमीन पर सोएं अगर लकड़ी का तखत इस्तेमाल करेंगे तो और भी अच्छा होगा.इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. इस दौरान क्षमा, दया, उदारता एवं उत्साह आदि दिव्य भावों से युक्त रहें तथा क्रोध, लोभ, मोह इत्यादि तामसी भावों को अपने मन में भी न आने दें.
नौ कन्याओं को भोजन जरूर कराएं
अगर आप सप्तमी, अष्टमी या नवमी तिथि के दिन व्रत खोल रहे हैं तो इस दिन नौ कुंवारी कन्याओं को भोजन जरूर कराएं. साथ ही इस दिन माता के नाम से हवन और पूजन करना चाहिए. नवरात्रि के समय व्रत रखते हुए इस बात का ध्यान रखें कि झूठ बोलने या किसी के प्रति अपशब्द बोलने से बचें. मन में शुद्ध विचारों को स्थान दें.