उज्जैन शहर में प्राचीन काल से एक परंपरा चली आ रही है. इसी का निर्वहन करते हुए चैत्र नवरात्रि की अष्टमी पर चौबीस खम्बा माता मंदिर पर माता महालया एवं महामाया को मदिरा का भोग लगाया गया. ये भोग नगर की सुख समृद्धि और शांति सहित प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए लगाया गया है. साथ ही महाआरती भी की गई. जिसके बाद शहर में करीब 27 किलोमीटर तक मदिरा की धार लेकर विभिन्न माता एवं भैरव मंदिर पर पूजन किया गया.
बता दें, ये परंपरा सम्राट विक्रमादित्य के काल से चली आ रही है. मंगलवार को निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर मंदाकिनी देवी ने माता महालाया एवं महामाया को मदिरा का भोग लगाया.
ढोल-नगाड़ो के साथ महाआरती
मंगलवार को निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर महिला मंदाकिनी देवी ने माता का पूजन कर मदिरा का सेवन कराया. ढोल-नगाड़ो के साथ महाआरती की गई. नगर में स्थित 24 खम्बा माता मंदिर पर माता महामाया एवं महालाया को अष्टमी पर ये मदिरा का भोग लगाया गया. साथ ही महाआरती की गई और नगर की सुख समृद्धि की कामना की गई.
नगर पूजन भी शुरू हुआ
चैत्र नवरात्री में अखाड़ा परिषद् द्वारा पूजन किया जाता है. पूजन के बाद नगर पूजा शुरू हुई, जिसमें एक हांडी में मदिरा भरकर 27 किलोमीटर तक मदिरा की धारा लगाई जाएगी. वहीं रास्ते में पडने वाले देवी और भैरव मंदिरों नया ध्वज और चोला चढ़ाकर पूजा अर्चना की जाएगी. नगर पूजा का समापन रात 8 बजे अंकपात मार्ग स्थित हांडी फोड़ भैरव मंदिर पर होगा.
(संदीप कुलश्रेष्ठ की रिपोर्ट)